फिटनेस कोच ने बताया सच: ‘चावल-रोटी’ छोड़ने से नहीं घटेगा वजन, अपनाएं ये 3 आसान टिप्स और पाएं फिट बॉडी
- byAman Prajapat
- 05 November, 2025
हम भारतीयों के लिए ‘चावल और रोटी’ सिर्फ खाना नहीं, बल्कि संस्कृति का हिस्सा हैं। लेकिन जैसे-जैसे फिटनेस और डाइट कल्चर का ट्रेंड बढ़ा है, बहुत से लोग ये सोचने लगे हैं कि अगर वजन कम करना है तो सबसे पहले कार्ब्स यानी चावल और रोटी को अपनी प्लेट से गायब कर दो।
पर सच्चाई कुछ और ही है—और इस भ्रम को एक नामी फिटनेस कोच ने अपने हालिया वीडियो में साफ़ किया है।
उन्होंने कहा, “कार्ब्स दुश्मन नहीं हैं, बस हमें उन्हें समझदारी से खाना सीखना है।”
वो बताते हैं कि चावल या रोटी खाने से मोटापा नहीं बढ़ता, बल्कि ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरी और कम शारीरिक गतिविधि इसका असली कारण होती है। यानी बात मात्रा और संतुलन की है, न कि पूरी तरह किसी चीज़ को छोड़ देने की।
फिटनेस कोच ने बताया कि जब हम चावल या रोटी पूरी तरह छोड़ देते हैं, तो शरीर को एनर्जी की कमी होने लगती है। इससे थकान, मूड स्विंग, और ओवरईटिंग जैसी दिक्कतें होती हैं। और जब दो-तीन हफ्तों बाद हम फिर से कार्ब्स खाना शुरू करते हैं, तो वजन पहले से भी तेज़ी से बढ़ने लगता है—जिसे ‘रीबाउंड वेट गेन’ कहा जाता है।
वो आगे कहते हैं, “वजन घटाना सज़ा नहीं, एक स्मार्ट प्रोसेस है। इसमें समझदारी चाहिए, न कि अत्याचार।”
इसके बाद उन्होंने 3 बेहद आसान लेकिन असरदार प्रैक्टिकल टिप्स शेयर किए—
🥗 1️⃣ कार्ब्स को दुश्मन नहीं, साथी बनाओ — बस सही टाइम पर खाओ
कोच के अनुसार, अगर आप दिन में एक्टिव रहते हैं—जैसे वॉक, ऑफिस कम्यूट, या जिम—तो कार्ब्स सुबह या दोपहर के वक्त लेना चाहिए।
रात में ज़्यादा भारी डिनर से बचें। सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस या मल्टीग्रेन रोटी एक बेहतर विकल्प है।
🧘♂️ 2️⃣ कैलोरी डेफिसिट समझो, भूखे रहो मत
वो बताते हैं कि वजन तभी घटेगा जब आपका शरीर जितनी कैलोरी ले रहा है, उससे कम खर्च कर रहा हो।
मतलब — खाना बंद नहीं, बल्कि सही मात्रा में और समझदारी से खाना सीखो।
ज्यादा प्रोटीन, फाइबर, और पानी वाले फूड्स लो, ताकि पेट भरा रहे और क्रेविंग्स कम हों।

🚶♀️ 3️⃣ रोज़ थोड़ा चलो, और ज़्यादा पानी पीओ
क्लासिक लेकिन हमेशा काम करने वाला मंत्र — “Move more, sit less.”
30 मिनट की वॉक, सीढ़ियाँ चढ़ना, या हल्का योगा भी काफी फर्क डाल सकता है।
साथ ही दिन भर में 2-3 लीटर पानी पीना जरूरी है, क्योंकि हाइड्रेशन मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है।
फिटनेस कोच ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर दिखने वाली “नो कार्ब डाइट” या “क्रैश प्लान्स” असल में शरीर को भीतर से कमजोर बना देते हैं।
उन्होंने कहा — “वजन घटाने की असली कुंजी है निरंतरता, न कि तात्कालिक त्याग।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि हर किसी का शरीर अलग होता है। किसी के लिए लो-कार्ब काम करता है, किसी के लिए नहीं। इसलिए किसी भी ट्रेंड पर आंख मूंदकर भरोसा करने से बेहतर है अपने शरीर की ज़रूरत समझना।
आखिर में उन्होंने यही कहा —
“रोटी और चावल आपकी दुश्मन नहीं हैं। असली दुश्मन है आलस, ओवरईटिंग और अस्थिरता।”
तो अगर आप भी वजन घटाने की राह पर हैं, तो खुद पर अत्याचार न करें। खाना छोड़ना नहीं, बस खाने का तरीका बदलना सीखें।
💡 निष्कर्ष (Conclusion):
अगर आप सोचते हैं कि रोटी और चावल छोड़कर वजन कम हो जाएगा — तो ये सिर्फ एक मिथक है।
असली ट्रांसफॉर्मेशन तब होता है जब आप सही टाइम पर खाएं, एक्टिव रहें और लगातार अपने शरीर की सुनें।
क्योंकि फिटनेस कोई फास्ट फूड नहीं — ये धीरे-धीरे पकी हुई समझदारी की डिश है। 🍽️🔥
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
देखिए सुष्मिता सेन...
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