बिहार चुनाव के बीच JDU-कांग्रेस समर्थकों में हिंसक झड़प, चाकूबाजी में एक घायल — इलाके में तनाव
- byAman Prajapat
- 05 November, 2025
बिहार चुनाव 2025 जैसे-जैसे अपने अंतिम चरणों की ओर बढ़ रहा है, प्रदेश की सियासी फिज़ा में तनाव और प्रतिस्पर्धा और भी गरम होती जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार की रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई — जब JDU और कांग्रेस समर्थकों के बीच तीखी बहस ने हिंसक रूप ले लिया, और देखते ही देखते मामला चाकूबाजी तक पहुँच गया।
घटना बिहार के नवादा जिले की बताई जा रही है (प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार), जहां एक स्थानीय सभा के दौरान दोनों दलों के समर्थकों के बीच नारेबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। गुस्से में माहौल अचानक बिगड़ गया और कुछ लोगों ने एक-दूसरे पर लाठियों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, इस झड़प में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे नज़दीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार उसकी स्थिति स्थिर है, लेकिन उसे गहरे घाव आए हैं।
⚖️ पुलिस की कार्रवाई और इलाके की स्थिति
घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुँची और भीड़ को तितर-बितर किया। नवादा एसपी ने बताया कि “स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। दोनों पक्षों से कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और जांच जारी है।” पुलिस ने इलाके में भारी बल तैनात कर दिया है ताकि कोई और अप्रिय स्थिति न बने।
चुनाव आयोग ने भी इस पर संज्ञान लिया है और स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने निर्देश दिया है कि चुनावी माहौल में किसी भी तरह की राजनीतिक हिंसा या धमकी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

🗳️ राजनीतिक प्रतिक्रिया और सियासी बयानबाज़ी
घटना के बाद दोनों ही दलों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
JDU प्रवक्ता ने कहा कि “कांग्रेस के लोग जानबूझकर माहौल बिगाड़ रहे हैं ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके।”
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि “JDU समर्थक सत्ता के नशे में हैं और विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए हिंसा पर उतर आए हैं।”
सोशल मीडिया पर भी यह घटना ट्रेंड कर रही है। कई यूज़र्स ने इसे “बिहार की राजनीति की गिरती साख” बताया है, तो कुछ ने कहा कि “यह जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने की चाल है।”
🕊️ स्थानीय जनता में डर और चिंता का माहौल
इलाके के निवासियों के बीच डर का माहौल बन गया है। दुकानदारों ने बताया कि घटना के बाद कई लोगों ने जल्दी-जल्दी अपनी दुकानें बंद कर दीं। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के दौरान इस तरह की झड़पें आम होती जा रही हैं, लेकिन इस बार स्थिति “कुछ ज़्यादा ही गंभीर” महसूस हो रही है।
⚠️ चुनाव आयोग की सख़्ती और अपील
चुनाव आयोग ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को सख़्त निर्देश जारी किए हैं कि चुनावी हिंसा पर तुरंत कार्रवाई की जाए और दोषियों पर सख्त कानूनी कदम उठाए जाएं। साथ ही, आयोग ने जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
🧩 निष्कर्ष (Conclusion)
बिहार की राजनीति हमेशा से जोश और जज़्बे की मिसाल रही है, लेकिन अब यह जोश हिंसा में तब्दील होता दिख रहा है। लोकतंत्र की असली ताकत बहस और मत के ज़रिए बदलाव लाने में है, न कि चाकू या लाठी के ज़रिए।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है — क्या बिहार की राजनीति फिर से पुरानी राहों पर लौट रही है, जहां हिंसा और भय चुनावी रणनीति का हिस्सा बन गए हैं?
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