Follow Us:

Stay updated with the latest news, stories, and insights that matter — fast, accurate, and unbiased. Powered by facts, driven by you.

ट्रंप की पाकिस्तान पर मेहरबानी: तेल समझौते से अमेरिका को मिलेगा अरबों डॉलर का खजाना

ट्रंप की पाकिस्तान पर मेहरबानी: तेल समझौते से अमेरिका को मिलेगा अरबों डॉलर का खजाना

यह पूरा घटनाक्रम—ट्रंप का पाकिस्तान के साथ तेल समझौता और भारत पर 25% टैरिफ लगाना—सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि एक चालाक भू-राजनीतिक रणनीति का हिस्सा लगता है। आइए बिंदुवार तरीके से समझते हैं कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे ट्रंप की असली रणनीति क्या हो सकती है:

🛢️ 1. पाकिस्तान के तेल भंडार पर नजर

2024 में खोजे गए पाकिस्तान के तटीय क्षेत्र में विशाल तेल और गैस भंडार को दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भंडार बताया गया है।

अनुमान है कि यहां 6-8 ट्रिलियन डॉलर तक की संपदा (तेल, गैस, तांबा, सोना, कोयला) छिपी है।

ट्रंप ने इस खजाने पर अमेरिकी दावेदारी की रणनीति बनाई है, जिससे अमेरिका की ऊर्जा सुरक्षा और रणनीतिक बढ़त सुनिश्चित हो।

🇺🇸 2. अमेरिका की तेल कंपनी लीड करेगी प्रोजेक्ट

समझौते के अनुसार, एक बड़ी अमेरिकी तेल कंपनी इस परियोजना की अगुआई करेगी।

इससे अमेरिका को सीधे संसाधनों पर नियंत्रण मिलेगा, न कि सिर्फ व्यापारिक साझेदारी।

🇮🇳 3. भारत पर 25% टैरिफ: दबाव की रणनीति

भारत पर अचानक 25% टैरिफ लगाना आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक दबाव की चाल है।

ट्रंप चाहते हैं कि भारत अमेरिका के भू-राजनीतिक एजेंडे में न झिझके, खासकर चीन-रूस-पाकिस्तान के बढ़ते समीकरणों के मद्देनजर।

पहले मुनीर को हलाल, अब तेल वाली चाल...पाक पर यूं ही मेहरबान नहीं अमेरिका

🌍 4. चीन-पाकिस्तान गठजोड़ को तोड़ने की चाल

पाकिस्तान पर चीन का असर लगातार बढ़ता जा रहा है (CPEC, Gwadar Port आदि)।

तेल समझौते के जरिए ट्रंप पाकिस्तान को अमेरिका की ओर झुकाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे चीन-पाक गठबंधन कमजोर हो।

🔥 5. भविष्य की भू-राजनीति: भारत को संकेत

भारत को यह संकेत देना भी है कि अगर वो अमेरिकी हितों के साथ नहीं चला, तो अमेरिका पड़ोसी देशों को मजबूत कर संतुलन बना सकता है।

यानी यह एक तरह की “भूराजनीतिक ब्लैकमेलिंग” भी है—ताकि भारत रक्षा और व्यापार समझौतों में और ज्यादा झुके।

✍️ निष्कर्ष:

डोनाल्ड ट्रंप की यह नीति “अर्थव्यवस्था + भू-राजनीति” का मेल है। पाकिस्तान के तेल भंडारों को हथियाना, भारत पर दबाव बनाना, और चीन को घेरना—ये सब एक साथ साधे गए निशाने हैं।
यानी ये सिर्फ एक तेल डील नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय चाल है।


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

Share: