Follow Us:

Stay updated with the latest news, stories, and insights that matter — fast, accurate, and unbiased. Powered by facts, driven by you.

🇮🇳 Rajnath Singh Speech: भारत में सिविल और मिलिट्री के बीच कभी टकराव नहीं हुआ – रक्षा मंत्री

🇮🇳 Rajnath Singh Speech: भारत में सिविल और मिलिट्री के बीच कभी टकराव नहीं हुआ – रक्षा मंत्री

नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने हालिया भाषण में कहा कि भारत में सिविल प्रशासन और मिलिट्री के बीच कभी टकराव की स्थिति नहीं बनी। उन्होंने कहा कि इसका कारण है — दोनों का साझा लक्ष्य, जो है राष्ट्र की सुरक्षा और जनता की सेवा

राजनाथ सिंह ने कहा,

“भारत में सिविल और मिलिट्री के रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं। यह संबंध आपसी विश्वास और समर्पण पर आधारित हैं।”

💬 ‘भारत में सत्ता का मतलब हमेशा त्याग रहा है’

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में सत्ता को हमेशा ‘सेवा का माध्यम’ माना गया है, जबकि कई पश्चिमी देशों में सत्ता को ‘संदेह की नजर’ से देखा जाता है।

उन्होंने कहा,

“भारत में सत्ता का मतलब हमेशा त्याग रहा है, जबकि पश्चिमी देशों में इसे संदेह की नजर से देखा जाता है।”

⚙️ रक्षा मंत्री ने दी संस्थाओं को एकजुट रहने की सलाह

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की सैन्य और सिविल संस्थाएं एक दूसरे की पूरक हैं और यही भारत की ताकत है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे मिलकर काम करें ताकि देश की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था दोनों मजबूत रहें।

🛡️ भारत की रक्षा व्यवस्था पर विश्वास

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं केवल युद्ध के समय ही नहीं, बल्कि आपदाओं और संकट की घड़ी में भी देश के साथ खड़ी रहती हैं।
उन्होंने कहा,

“हमारी सेनाएं सिर्फ सीमाओं की रक्षा नहीं करतीं, बल्कि आपदा राहत और मानवता की सेवा में भी अग्रणी हैं।”

Confident that army can tackle any contingency in Ladakh: Rajnath Singh |  Latest News India

📌 निष्कर्ष:

राजनाथ सिंह के बयान ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि भारत में सिविल और मिलिट्री संस्थाएं एक-दूसरे की ताकत हैं, न कि विरोधी।
उनके शब्दों में — “भारत में शासन का मूल तत्व शक्ति नहीं, बल्कि सेवा और त्याग है।”


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

Share: