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मैन्ग्रोव संरक्षण: भारत की तटीय सुरक्षा को मजबूती देने की दिशा में अहम कदम

मैन्ग्रोव संरक्षण: भारत की तटीय सुरक्षा को मजबूती देने की दिशा में अहम कदम

हर साल 26 जुलाई को "अंतर्राष्ट्रीय मैन्ग्रोव संरक्षण दिवस" मनाया जाता है, जिससे इन अनोखे पारिस्थितिक तंत्रों की महत्ता को रेखांकित किया जा सके। भारत जैसे देश के लिए, जहां 7,500 किमी से अधिक लंबा तटीय क्षेत्र है, मैन्ग्रोव न केवल जैव विविधता के लिए जरूरी हैं, बल्कि तटीय सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य हैं।

Mangroves Could Help Save Us From Climate Change. Climate Change Is Killing  Mangroves. - EcoWatch
मैन्ग्रोव संरक्षण: भारत की तटीय सुरक्षा को मजबूती देने की दिशा में अहम कदम

मैन्ग्रोव वनों की बहाली (Restoration) भारत की समुद्री सीमाओं को बाढ़, चक्रवात और तटीय क्षरण जैसी आपदाओं से बचाने में अहम भूमिका निभाती है। साथ ही, ये समुद्री जीवों का आश्रय स्थल होते हैं और भारी मात्रा में कार्बन को अवशोषित कर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करते हैं।

भारत सरकार ने हाल ही में MISHTI (Mangrove Initiative for Shoreline Habitats & Tangible Incomes) योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य तटीय क्षेत्रों में मैन्ग्रोव वनस्पति को फिर से विकसित करना है। महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पहले से ही सक्रिय पुनर्स्थापन कार्य चल रहे हैं।

मैन्ग्रोव सिर्फ पेड़ नहीं हैं – ये भारत के तटीय जीवन की रक्षा करने वाले सच्चे सिपाही हैं। इनका संरक्षण आज की नहीं, भविष्य की ज़रूरत है।


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