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मजदूर पिता के बेटे ने किया कमाल, फटी किताबों से की पढ़ाई, जेईई मेन्स में मिली इतनी रैंक

मजदूर पिता के बेटे ने किया कमाल, फटी किताबों से की पढ़ाई, जेईई मेन्स में मिली इतनी रैंक

EE Success Story: मजदूर पिता के बेटे ने किया कमाल, फटी किताबों से की पढ़ाई, जेईई मेंस में मिली इतनी रैंक

देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE (Joint Entrance Examination) के परिणामों में एक नाम है जो सभी को प्रेरित कर रहा है। यह कहानी एक ऐसे छात्र की है, जिसने आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी के बावजूद अपनी मेहनत और संघर्ष से JEE मेन्स में उत्कृष्ट रैंक हासिल की।

किसी भी चीज़ की कमी नहीं थी, लेकिन मन में जज़्बा था।

यह कहानी है शिवम कुमार की, जो बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है। उनके पिता एक मजदूर हैं और परिवार की मुश्किलें भी कम नहीं थी। लेकिन शिवम ने कभी भी अपने सपनों को टूटने नहीं दिया। उनके पास ना तो महंगी किताबें थीं और ना ही एक शांत वातावरण में पढ़ाई करने का मौका था। उनका अध्ययन करने का साधन थे फटी हुई किताबें और हर दिन की कठिन मेहनत

फटी किताबों से हुई शुरुआत

शिवम के पास अपनी पढ़ाई के लिए नई किताबें नहीं थीं, लेकिन उनकी उम्मीद और लगन ने उन्हें कभी भी रुकने नहीं दिया। वह अक्सर पुराने और फटी किताबों में अपने नोट्स बनाते और अपनी पढ़ाई जारी रखते। उनके पास इंटरनेट या ट्यूशन की सुविधा नहीं थी, लेकिन उन्होंने न्यूनतम संसाधनों से अपनी पढ़ाई को सबसे बेहतरीन तरीके से किया।

कड़ी मेहनत और संघर्ष की कहानी

शिवम का कहना है, "मेरे पास अच्छे संसाधन नहीं थे, लेकिन मैं जानता था कि अगर मुझे कुछ करना है, तो मुझे अपनी मेहनत को दोबारा दिशा देनी होगी। मेरे पिता के संघर्ष ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। वह हमेशा मुझे यह समझाते रहे कि किसी भी कठिनाई से घबराना नहीं चाहिए।"

शिवम के लिए हर दिन एक नया संघर्ष था, लेकिन उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया। वह जल्दी उठते, घंटों पढ़ाई करते और दिन-रात केवल अपनी मेहनत पर भरोसा करते थे।

जेईई मेन्स में मिली शानदार रैंक

आखिरकार, अपनी मेहनत और संकल्प के बल पर शिवम ने जेईई मेन्स में शानदार सफलता प्राप्त की। उन्हें All India Rank (AIR) 2485 मिली, जो उनके जैसे छात्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। उनका कहना है, "यह मेरी सफलता नहीं है, यह मेरे पिता की मेहनत और मेरे सपनों की पूर्ति का परिणाम है।"

एक प्रेरणा का संदेश

शिवम की सफलता यह साबित करती है कि अगर आपके पास कुछ करने का जज़्बा हो और समझदारी और मेहनत से काम किया जाए, तो कोई भी मुश्किल असंभव नहीं होती। उन्होंने साबित कर दिया कि संघर्ष और कठिनाइयाँ जीवन में सफलता पाने का रास्ता हो सकती हैं, बशर्ते आपके मन में आत्मविश्वास और सही दिशा हो।

निष्कर्ष:
शिवम कुमार की कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है जो किसी न किसी वजह से मुश्किलों में है। यह बताती है कि शिक्षा में सफलता पाने के लिए केवल संसाधन नहीं, बल्कि लगन, मेहनत और सपने जरूरी हैं। JEE मेन्स में शानदार सफलता पाने वाले शिवम ने यह साबित कर दिया कि अगर दिल में कुछ करने का जज़्बा हो तो रास्ते अपने आप बन जाते हैं


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