कलश में बेटे की अस्थियां, जंगल में जीवन: गोकर्ण की गुफा में रह रही रूसी महिला नीना कुटीना की कहानी
- bypari rathore
 - 01 August, 2025
 
                                    📰 रूसी महिला नीना कुटीना की गुफा से लेकर निर्वासन तक की कहानी
🪦 "कलश में बेटे की अस्थियाँ"
नीना कुटीना का सबसे दर्दनाक खुलासा यह रहा कि उनके पास उनके नौ महीने पहले मरे बेटे की अस्थियां एक कलश में थीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्हें गुफा से हटाया गया, तो उनका बहुत सारा सामान जप्त कर लिया गया, जिसमें वह कलश भी था।
नीना ने कहा, "यह असहनीय है कि मेरे बेटे की अस्थियों को भी ले लिया गया।"
🌍 15 साल में 20 देशों का सफर
नीना कोई सामान्य पर्यटक नहीं हैं। उन्होंने 15 सालों में 20 से अधिक देशों की यात्रा की है।
उनके चार बच्चे हैं और वह दावा करती हैं कि उन्होंने बिना डॉक्टर की सहायता के घर पर ही प्रसव किया।
उनका भारत से गहरा लगाव है और वह गोवा से गोकर्ण पहुंचीं।
2017 में वीजा समाप्त होने के बावजूद वे भारत में ही रहीं।
🏞️ "जंगल में रहना मेरी मर्जी थी"
नीना कहती हैं कि गुफा में उनका जीवन स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण था।
“प्रकृति में मुझे वह शांति मिलती है जो कहीं और नहीं मिलती,” उनका कहना है।
वे खुद अपने बच्चों की शिक्षा, देखभाल और पालन-पोषण कर रही थीं।
🏚️ अब की स्थिति: असहज और अस्वास्थ्यकर

नीना और उनकी बेटियों को अब कारवार के एक महिला पुनर्वास केंद्र में रखा गया है।
वहां की स्थिति को वे गंदी, असुरक्षित और असहज बता रही हैं।
“हमें सिर्फ सादा चावल खाने को दिया जा रहा है, कोई निजता नहीं है,” उन्होंने कहा।
🚨 कानूनी और राजनयिक मोड़
नीना को उनके वीजा उल्लंघन और अवैध रूप से भारत में रहने के कारण रूस निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
रूसी दूतावास इसमें मदद कर रहा है।
वहीं, ड्रोर गोल्डस्टीन नामक व्यक्ति ने बेटियों की कस्टडी की मांग की है और छोटी बेटी को भारतीय नागरिकता देने की अपील की है।
🤔 प्रमुख सवाल जो अब भी बाकी हैं:
नीना भारत में कानून से बाहर रहकर इतने वर्षों तक कैसे रहीं?
क्या उनकी मानसिक स्थिति की कोई जाँच की गई?
बच्चों की स्वास्थ्य और शिक्षा की वास्तविक स्थिति क्या थी?
अगर उनकी मर्जी से जंगल में रहना था, तो क्या राज्य को जबरन हटाना चाहिए था?
क्या किसी विदेशी महिला के मामले को मीडिया द्वारा अतिरंजित या गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया?
📌 निष्कर्ष
नीना कुटीना का मामला सिर्फ एक विदेशी महिला की कहानी नहीं है—यह उस सीमा पर चलती बहस का उदाहरण है जहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मातृत्व का अधिकार, और राज्य का हस्तक्षेप टकराते हैं।
इस कहानी में संवेदना भी है, सामाजिक सवाल भी, और क़ानूनी पेचीदगियाँ भी।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
राजस्थान में अपराधों...
Related Post
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.


                                                    
                                                    _1761818960.png)






