Follow Us:

Stay updated with the latest news, stories, and insights that matter — fast, accurate, and unbiased. Powered by facts, driven by you.

एआई द्वारा तैयार अश्लील फोटो का कांड: महिला कांग्रेस नेता के विरुद्ध बदनाम करने का साइबर षड़यंत्र, पुलिस ने शुरू की तफ्तीश

एआई द्वारा तैयार अश्लील फोटो का कांड: महिला कांग्रेस नेता के विरुद्ध बदनाम करने का साइबर षड़यंत्र, पुलिस ने शुरू की तफ्तीश

समय बदल गया है, और अब बदनामी के हथियार तलवार या बंदूक नहीं — कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) बन चुकी है।
ताज़ा मामला राजनीति और तकनीक के खतरनाक संगम का है, जहाँ एक महिला कांग्रेस नेता की छवि को निशाना बनाते हुए AI से तैयार किया गया अश्लील फोटो वायरल कर दिया गया।

🔍 घटना का खुलासा

बीते कुछ दिनों में सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर एक फोटो वायरल होने लगी। पहली नज़र में तस्वीर असली लगती थी, लेकिन जब महिला कांग्रेस नेता को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
जांच के शुरुआती निष्कर्षों में पाया गया कि फोटो असली नहीं, बल्कि एक Deepfake Image है — यानी एआई तकनीक की मदद से किसी असली व्यक्ति के चेहरे को किसी दूसरी आपत्तिजनक तस्वीर पर जोड़ दिया गया।

नेता ने इसे अपनी राजनीतिक छवि को धूमिल करने की साज़िश बताया और कहा,

“यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि हर उस महिला की लड़ाई है जो सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी से काम कर रही है।”

🧠 AI और Deepfake का काला चेहरा

Deepfake एक ऐसी तकनीक है जो चेहरे, आवाज़ और हावभाव को कंप्यूटर एल्गोरिद्म से इस तरह जोड़ देती है कि वह असली लगती है।
पहले यह तकनीक फिल्मों में प्रयोग होती थी, लेकिन अब यह साइबर अपराधियों का नया हथियार बन गई है।
भारत में हाल के महीनों में कई ऐसे केस सामने आए हैं जहाँ Deepfake वीडियो और फोटो के ज़रिए लोगों को बदनाम या ब्लैकमेल किया गया।

इस केस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि तकनीक की प्रगति का अंधेरा पहलू कितना खतरनाक हो सकता है।

🚓 पुलिस की कार्रवाई

जैसे ही मामला दर्ज हुआ, साइबर क्राइम सेल की टीमें सक्रिय हो गईं।
वे यह पता लगाने में जुटी हैं कि —

तस्वीर किस सॉफ्टवेयर से बनाई गई,

इसे किसने सबसे पहले अपलोड किया,

किन प्लेटफ़ॉर्म्स पर वायरल हुई,

और क्या इसके पीछे कोई संगठित समूह है।

टेक्निकल टीम IP ट्रेसिंग, सर्वर-लॉग एनालिसिस, और सोशल मीडिया डेटा की गहन जांच कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियाँ कुछ संदिग्ध अकाउंट्स की पहचान कर चुकी हैं और डिजिटल फॉरेंसिक रिपोर्ट आने का इंतजार है।

savdhaan News, Crime Cautious Hindi News, Latest savdhaan सावधान की ताज़ा  ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़, सावधान इंडिया अपराध और जुर्म से जुड़े समाचार -  हिन्दुस्तान

⚖️ कानूनी पहलू

भारत में इस तरह के अपराध के खिलाफ कड़े कानून मौजूद हैं —

IT Act 2000 की धारा 67 और 67A के तहत अश्लील सामग्री बनाना और फैलाना अपराध है।

IPC की धारा 509 महिलाओं की मर्यादा का अपमान करने पर सज़ा देती है।

यदि किसी का चेहरा फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया गया हो, तो यह धारा 468 (Forgery for Cheating) के तहत दंडनीय है।

दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की सज़ा और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

💔 महिलाओं पर डिजिटल हमले का नया रूप

डिजिटल इंडिया के इस दौर में महिलाएँ सबसे ज़्यादा असुरक्षित हो गई हैं।
हर साल हज़ारों महिलाएँ फर्जी फोटो, डीपफेक वीडियो, और ब्लैकमेलिंग के मामलों में शिकार बनती हैं।
यह सिर्फ मानसिक आघात नहीं, बल्कि समाज में सम्मान की हत्या जैसा है।

AI का दुरुपयोग अब सिर्फ निजी बदले तक सीमित नहीं — यह राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता, व्यावसायिक ब्लैकमेलिंग, और ऑनलाइन उत्पीड़न का नया चेहरा बन गया है।

💬 सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स की जिम्मेदारी

यह सवाल भी उठता है कि सोशल मीडिया कंपनियाँ ऐसी सामग्री को रोकने में असफल क्यों रहती हैं?
प्लेटफ़ॉर्म्स के पास एआई-डिटेक्शन सिस्टम हैं, लेकिन वे 100% प्रभावी नहीं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि Meta, X (Twitter), YouTube, Telegram जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स को ज़्यादा कठोर मॉडरेशन नीतियाँ अपनानी चाहिए ताकि किसी की डिजिटल पहचान का गलत इस्तेमाल रोका जा सके।

📢 सामाजिक प्रतिक्रिया

मामले के बाद महिला कांग्रेस नेताओं और महिला आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की है कि AI-जनित फर्जी सामग्री के खिलाफ विशेष कानून बनाया जाए
यह भी कहा गया है कि पुलिस की साइबर शाखाओं को और मज़बूत किया जाए, ताकि ऐसे अपराधों पर तत्काल कार्रवाई संभव हो।

💡 भविष्य की राह

AI अब केवल तकनीक नहीं — शक्ति है। और हर शक्ति के साथ ज़िम्मेदारी आती है।
अगर समाज और सरकार मिलकर इसके गलत इस्तेमाल को रोकने की कोशिश नहीं करेंगे, तो कल किसी का भी चेहरा झूठे आरोपों और फर्जी तस्वीरों में कैद हो सकता है।

🔚 निष्कर्ष

यह घटना केवल एक नेता की नहीं, हर नागरिक की चेतावनी है।
AI से बने गंदे फोटो या वीडियो सिर्फ शर्मिंदगी नहीं, बल्कि डिजिटल अस्मिता पर हमला हैं।
पुलिस की जांच जारी है, लेकिन इससे बड़ा सवाल यह है —

क्या हमारा समाज सच और झूठ में फर्क करने की तैयारी रखता है?


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

Share: