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'भारत-पाक की लड़ाई में गिरे थे 5 फाइटर जेट्स...', ट्रंप ने फिर दोहराया मध्यस्थता का दावा

'भारत-पाक की लड़ाई में गिरे थे 5 फाइटर जेट्स...', ट्रंप ने फिर दोहराया मध्यस्थता का दावा

📰 'भारत-पाक की लड़ाई में गिरे थे 5 फाइटर जेट्स...' – ट्रंप ने फिर दोहराया मध्यस्थता का दावा

स्थान: वॉशिंगटन/नई दिल्ली
दिनांक: जुलाई 2025

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच 2019 में हुए गंभीर सैन्य तनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि उनके हस्तक्षेप के कारण ही दोनों देशों के बीच युद्ध नहीं हुआ। ट्रंप ने कहा कि उस वक्त हालात इतने बिगड़ चुके थे कि 5 फाइटर जेट्स गिराए जा चुके थे, और दोनों देशों के बीच खुला युद्ध छिड़ने की संभावना थी।

🗣️ क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?

डोनाल्ड ट्रंप ने एक चुनावी रैली के दौरान अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा:

"जब मैं राष्ट्रपति था, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे। 5 फाइटर जेट्स को मार गिराया गया था। यह बेहद खतरनाक स्थिति थी। लेकिन हमने हस्तक्षेप किया और दोनों देशों को शांत किया।"

ट्रंप के अनुसार, अमेरिका ने उस समय दोनों देशों से संपर्क किया और तनाव को कूटनीतिक रूप से संभालने का प्रयास किया, जो अंततः सफल रहा।

📅 पृष्ठभूमि: क्या हुआ था 2019 में?

यह विवाद 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 40 से अधिक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। जवाब में भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी।

इसके अगले ही दिन, पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने फाइटर जेट्स भारतीय सीमा में भेजे। इस संघर्ष में भारत का एक मिग-21 विमान गिरा और पायलट अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान ने हिरासत में ले लिया था, जिन्हें बाद में रिहा किया गया।

इस घटनाक्रम के दौरान दोनों देशों की वायु सेनाएं आमने-सामने थीं और तनाव चरम पर पहुंच गया था।

🌐 भारत का रुख क्या था?

भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि भारत-पाकिस्तान का मुद्दा द्विपक्षीय है और किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता को अस्वीकार किया जाता है। हालांकि अमेरिका जैसे बड़े देशों की निगरानी और अपील ने तनाव कम करने में अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभाई थी।

🤔 ट्रंप के बयान पर सवाल भी

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान कई बार विवादों में रहा है। भारत सरकार ने कभी आधिकारिक रूप से ट्रंप के इस "मध्यस्थता" के दावे की पुष्टि नहीं की है। भारतीय विदेश मंत्रालय कई बार कह चुका है कि कश्मीर या भारत-पाक तनाव पर किसी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार नहीं की जा सकती।

📌 निष्कर्ष:

ट्रंप का यह बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है, जहां वे अपनी विदेश नीति को प्रभावशाली बताकर वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि यह सच है कि 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण थे, लेकिन इस पर ट्रंप की भूमिका कितनी निर्णायक थी, इस पर अलग-अलग राय हैं।


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