हरियाणा के छोरे Hitesh Gulia की कमाल-कहानी: वजन घटाने के लिए रिंग में उतरे — और 2025 World Boxing Cup Finals जीतकर विश्व विजेता बन गए
- byAman Prajapat
- 27 November, 2025
हरियाणा का छोरा जिसने वजन घटाने के लिए रिंग में कदम रखा और बन गया विश्व विजेता – Hitesh Gulia की कहानी
बचपन और शुरुआती दिन
Hitesh Gulia का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के छोटे से गाँव में हुआ। परिवार में पाँच भाई-बहन थे और आर्थिक स्थिति सामान्य थी। उनके पिता टैक्सी चलाते थे और मां घर संभालती थी। बचपन में Hitesh थोड़ा मोटा था और शारीरिक रूप से कमजोर भी। स्कूल के खेलों में वह बहुत आगे नहीं निकल पाता था, लेकिन उसके अंदर हमेशा एक जिज्ञासा और लड़ाई का जज्बा था।
10-11 साल की उम्र में उसके वजन और फिटनेस को लेकर चिंता होने लगी। उस समय उसके गांव में एक स्थानीय स्टेडियम था, जहाँ खेलकूद और फिटनेस गतिविधियां आयोजित होती थीं। वहां Hitesh ने दौड़ना, कूदना, और व्यायाम करना शुरू किया। इसी दौरान उनके कोच Hitesh Deswal ने उनकी क्षमता देखी और उन्हें बॉक्सिंग में कदम रखने की सलाह दी।
“भाई, दस्ताने पहनकर देख। रिंग में आओ। तुम्हारे अंदर कुछ खास है।”
इस पल ने उनकी जिंदगी बदल दी। शुरुआती दिनों में उन्होंने बॉक्सिंग को सिर्फ फिटनेस के लिए अपनाया, पर धीरे-धीरे यह उनकी जुनून बन गई।
संघर्ष और कठिनाइयाँ
Hitesh के लिए शुरुआती दौर आसान नहीं था। आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी ने कई बार उन्हें पीछे हटने पर मजबूर किया। उनके पास सही ट्रेनिंग उपकरण या पर्याप्त सुविधा नहीं थी। लेकिन Hitesh ने हार नहीं मानी। उन्होंने मेहनत और लगन से अपने कौशल को सुधारना जारी रखा।
उनके पिता ने हमेशा उनका समर्थन किया। वह कहते हैं:
“मैं रिंग के अंदर लड़ता था और पापा बाहर। उनका हौसला हमेशा मेरे साथ था।”
2022 में आर्थिक संकट के कारण Hitesh ने मुक्केबाजी छोड़ने का मन बनाया। लेकिन तभी उन्हें Indian Navy में अवसर मिला। नौसेना में नौकरी पाने के साथ-साथ उन्हें अच्छे प्रशिक्षण और स्थिरता भी मिली। Navy के समर्थन ने उनके खेल को नई दिशा दी।
राष्ट्रीय स्तर पर उभरता सितारा
Hitesh ने जिला और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। लगातार अभ्यास, मेहनत और टूर्नामेंट का अनुभव उन्हें बेहतर बॉक्सर बना गया।
2024 में उन्होंने राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप और राष्ट्रीय खेलों में 70 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। यह जीत उनके लिए एक बड़ा मोड़ थी और भारतीय मुक्केबाजी समुदाय में उनका नाम उभरा।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर कदम
2025 में Hitesh ने World Boxing Cup के पहले चरण में ब्राज़ील में 70 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। फाइनल में उनके प्रतिद्वंदी की चोट के कारण वॉकओवर मिला। भारत के लिए यह पहला गोल्ड था।
इसके बाद Astana, कज़ाखस्तान में हुए दूसरे चरण में 70 किलो वर्ग में उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। लेकिन यह अनुभव उन्हें मजबूत और आत्मविश्वासी बना गया।
World Boxing Cup Finals 2025 – गौरव और इतिहास
2025 के फाइनल्स भारत (Greater Noida / New Delhi) में आयोजित हुए। पुरुष 70 किलो वर्ग में Hitesh ने जापान के Sewon Okazawa को 3-2 की नज़दीकी स्प्लिट डेसिजन से हराया। इस जीत ने उन्हें विश्व स्तर का मुक्केबाज बना दिया।
उनकी मेहनत, लगन, और आत्मविश्वास ने यह साबित कर दिया कि शुरुआत किसी भी वजह से हुई हो — जैसे वजन कम करना — लेकिन जुनून और संघर्ष ही असली सफलता की कुंजी है।
रिंग के बाहर की जिंदगी
Navy में Sailor बनने के बाद Hitesh को स्थिरता मिली। वह कहते हैं:
“ये सिर्फ शुरुआत है। अब मेरी नजर बड़े टूर्नामेंट्स जैसे World Championships और Asian Games पर है।”
उनकी कहानी उन बच्चों के लिए प्रेरणा है जो सोचते हैं कि संसाधन या पैसा न होने के कारण सपने अधूरे रह जाएंगे। Hitesh ने दिखा दिया कि जुनून, मेहनत और सही दिशा मिल जाए तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
प्रेरणा और भविष्य
Hitesh की जीत सिर्फ उनकी नहीं, उनके गाँव और हरियाणा की भी है। उन्होंने यह संदेश दिया कि कठिनाइयों में भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि असली जीत सिर्फ रिंग में नहीं, बल्कि संघर्ष, संकल्प और सपनों की लड़ाई में मिलती है।
वे युवा बॉक्सर्स और खेल प्रेमियों के लिए रोल मॉडल बन चुके हैं। उनका सपना अब विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में भारत का नाम रोशन करना है।
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**Nitish Rana Backs...
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