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कट्टर हिंदू का सही मतलब क्या है? मोहन भागवत ने सरल भाषा में बताया

कट्टर हिंदू का सही मतलब क्या है? मोहन भागवत ने सरल भाषा में बताया

कट्टर हिंदू का असली मतलब क्या होता है?
इस सवाल को लेकर अक्सर समाज में भ्रम बना रहता है। लेकिन हाल ही में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) प्रमुख मोहन भागवत ने इस विषय पर बहुत सरल और स्पष्ट बात की, जिससे इस शब्द की गहराई और मूल भावना को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है।

Mahatma Gandhi Called Himself Hardcore Sanatani Hindu: RSS Chief Mohan  Bhagwat
कट्टर हिंदू का सही मतलब क्या है? मोहन भागवत ने सरल भाषा में बताया

🟠 क्या कहा मोहन भागवत ने?

मोहन भागवत ने कहा:

"कट्टर हिंदू वह होता है जो सत्य पर चलता है, अन्याय का विरोध करता है, पर किसी से बैर नहीं करता।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कट्टरता का मतलब हिंसक, अंधभक्त या असहिष्णु होना नहीं है।

🧭 कट्टर हिंदू का सही अर्थ उनके अनुसार:

सच्चाई और सिद्धांतों पर अडिग रहना
वह व्यक्ति जो अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं से पूरी तरह जुड़ा हो और उन्हें जीवन में उतारे।

नफरत नहीं, प्रेम और सद्भाव का संदेश
मोहन भागवत ने कहा कि कट्टर हिंदू होना किसी अन्य धर्म या समुदाय के खिलाफ होना नहीं है।

🙏 'हिंदू' एक जीवन पद्धति है, कोई नफरत की विचारधारा नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति दूसरों के अधिकारों का सम्मान करता है, वही असल में "कट्टर हिंदू" है।

📌 उनका यह बयान क्यों है खास?

समाज में "कट्टर हिंदू" शब्द को अक्सर नकारात्मक संदर्भ में देखा जाता है।

मोहन भागवत ने इस शब्द को सकारात्मक और रचनात्मक सोच से जोड़ा।

यह बयान धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक समरसता और आत्मचिंतन को बढ़ावा देता है।

📣 निष्कर्ष:

RSS प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान बताता है कि 'कट्टर हिंदू' का अर्थ किसी दूसरे धर्म से द्वेष नहीं, बल्कि अपने मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता और सभी के प्रति सम्मान है। इस परिभाषा से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत की विविधता में एकता को बनाए रखना हर सच्चे हिंदू की जिम्मेदारी है।


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

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