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राजस्थान में ट्रैवल ट्रेंड में बदलाव: गर्मी में धार्मिक पर्यटन की बढ़ी मांग

राजस्थान में ट्रैवल ट्रेंड में बदलाव: गर्मी में धार्मिक पर्यटन की बढ़ी मांग

📰 न्यूज़ रिपोर्ट (हिंदी में):

राजस्थान में बदल रहा है ट्रैवल ट्रेंड, अब लोग धार्मिक स्थलों की ओर बढ़ा रहे रुख

ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक तनाव का असर अब भारत के घरेलू पर्यटन पर भी दिखने लगा है। राजस्थान में अब लोग पारंपरिक पर्यटन स्थलों की बजाय धार्मिक और शांत स्थलों को तरजीह दे रहे हैं।

धार्मिक टूर पैकेज बने हॉट चॉइस
गर्मियों की छुट्टियों में श्रद्धा और अध्यात्म ने सैर-सपाटे की जगह ले ली है। टूर कंपनियां दो-तीन धार्मिक स्थलों के लिए ₹5000 से ₹7000 प्रति व्यक्ति के पैकेज ऑफर कर रही हैं। अयोध्या, चारधाम और वाराणसी जैसे स्थानों के लिए मई के आखिरी सप्ताह और जून के पहले सप्ताह में सर्वाधिक बुकिंग दर्ज की गई है।

विदेशी यात्रा में गिरावट
थाइलैंड, सिंगापुर जैसे विदेशों के लिए बुकिंग में 20–25% की गिरावट आई है। साथ ही विदेशी पर्यटक भी भारत आने में असमंजस की स्थिति में हैं।

सुरक्षा और मानसिक सुकून की प्राथमिकता
राजस्थान होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र लूनीवाल के मुताबिक, “अब लोग ऐसी जगहों पर जाना चाहते हैं जहां कम भीड़ हो और सुरक्षा का भरोसा हो। धार्मिक स्थल इस लिहाज से सबसे बेहतर और मानसिक सुकून देने वाले बनकर उभरे हैं।”

क्या कहते हैं पर्यटक?
पर्यटन प्रेमी प्रदीप शर्मा कहते हैं, “हमने शिमला-मनाली की जगह वृंदावन और उज्जैन जाने का फैसला किया।” वहीं ज्योति कंवर बताती हैं, “हम अब चारधाम यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं, जिससे हमें शांति और श्रद्धा दोनों मिलती है।”

यह बदलाव सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय पर्यटक अब अपनी यात्राओं में आंतरिक शांति और सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।


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