शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार फिसले, निवेशकों की धड़कनें तेज़
- byAman Prajapat
- 18 December, 2025
सुबह की पहली घंटी बजी और बाजार ने जैसे करवट बदली। पुराने समय के सौदागर कहते हैं—दिन की चाल अक्सर सुबह की हवा से तय होती है। आज वही हुआ। शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार ने नीचे की ओर रुख किया और निवेशकों की उम्मीदों पर हल्की-सी धूल जम गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में खुले, मानो बाजार ने साफ कह दिया हो—आज जल्दीबाज़ी नहीं, सोच-समझकर कदम रखो।
पहले आधे घंटे में ही बिकवाली का दबाव साफ दिखा। आईटी, बैंकिंग और ऑटो जैसे बड़े सेक्टरों में कमजोरी आई, जबकि चुनिंदा एफएमसीजी और फार्मा शेयरों ने थोड़ी संभाल दिखाने की कोशिश की। लेकिन कुल मिलाकर माहौल भारी रहा। ट्रेडिंग फ्लोर पर वही पुराना सन्नाटा—जहां स्क्रीन चमकती हैं, पर चेहरों पर सवाल तैरते हैं।
वैश्विक संकेतों का असर
बाजार अकेला नहीं चलता, दुनिया की धड़कन से बंधा रहता है। एशियाई बाजारों से मिले मिले-जुले संकेतों ने घरेलू निवेशकों को सतर्क रखा। अमेरिकी बाजारों में पिछली रात की नरमी, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और प्रमुख केंद्रीय बैंकों के रुख ने जोखिम लेने की भूख को कम किया। जब बाहर मौसम बदला हो, तो घर में खिड़कियां बंद ही रहती हैं—आज बाजार ने यही किया।
ब्याज दरों की चिंता
निवेशकों की जुबान पर एक ही सवाल—ब्याज दरें आगे क्या मोड़ लेंगी? महंगाई के आंकड़े और मौद्रिक नीति की संभावनाओं ने बाजार की चाल पर ब्रेक लगाया। बैंकिंग शेयरों में दबाव इसी चिंता का आईना बना। कर्ज महंगा हुआ तो मुनाफे पर असर—यह गणित पुराना है, पर असर आज भी ताज़ा।
सेक्टरों की चाल
आईटी सेक्टर: वैश्विक मांग और डॉलर की चाल पर नजरें टिकी रहीं। शुरुआती सौदों में आईटी शेयर फिसले।
बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: चुनिंदा बड़े बैंकों में बिकवाली दिखी, निजी और सरकारी दोनों ओर दबाव रहा।
ऑटो: मांग को लेकर सतर्कता, नतीजतन शेयर कमजोर।
एफएमसीजी और फार्मा: रक्षात्मक मिज़ाज के चलते कुछ राहत, पर कुल बाजार को उठाने के लिए नाकाफी।
निवेशकों की मनोदशा
बाजार में भावनाएं भी ट्रेड करती हैं। आज भावनाओं ने ब्रेक लगाया। छोटे निवेशक इंतजार के मोड में दिखे, जबकि संस्थागत निवेशकों ने चयनात्मक सौदे किए। कोई बड़ा दांव नहीं, बस पोजीशन संभालने की कोशिश। यह वो दिन था जब अनुभव बोलता है—लालच से नहीं, धैर्य से कमाई होती है।
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तकनीकी स्तर और संकेत
तकनीकी चार्ट्स पर नजर डालें तो प्रमुख सूचकांकों ने अहम सपोर्ट स्तरों का परीक्षण किया। अगर ये स्तर टिके रहते हैं, तो बाजार में स्थिरता लौट सकती है। लेकिन फिसलन बढ़ी तो अगला पड़ाव दूर नहीं। ट्रेंड फिलहाल कमजोर, वॉल्यूम औसत—मतलब दिशा तय होने में वक्त लगेगा।
आगे की राह
आज का संदेश साफ है—बाजार ने गियर डाउन किया है। न तो घबराने की जरूरत, न ही आंख मूंदकर कूदने की। आने वाले सत्रों में वैश्विक संकेत, कच्चे तेल की कीमतें, मुद्रा बाजार और घरेलू आंकड़े दिशा तय करेंगे। अनुभवी निवेशक जानते हैं—हर गिरावट खतरा नहीं, कई बार मौका भी होती है, बस सही समय और सही चयन चाहिए।
निष्कर्ष
शुरुआती कारोबार में बाजार का फिसलना कोई नई कहानी नहीं, यह बाजार की फितरत है। कभी धूप, कभी छांव। आज छांव रही। जिनके हाथ में धैर्य है, उनके लिए रास्ते खुद खुलते हैं। फिलहाल स्क्रीन पर लाल रंग हावी है, पर बाजार की कविता में अगली पंक्ति अभी लिखी जानी बाकी है।
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