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रूस-यूक्रेन युद्ध: क्या शांति अब संभव नहीं है?

रूस-यूक्रेन युद्ध: क्या शांति अब संभव नहीं है?

रूस–यूक्रेन युद्ध को अब लगभग चार साल हो गए हैं और हाल की घटनाओं से यह साफ़ है कि दोनों पक्ष अभी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं।

क्यों शांति मुश्किल लग रही है?

रणनीतिक हित टकरा रहे हैं

रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो (NATO) से दूरी बनाए और उसके प्रभाव क्षेत्र में रहे।

यूक्रेन अपनी संप्रभुता और पश्चिमी देशों से जुड़ाव छोड़ने को तैयार नहीं।

लड़ाई का विस्तार
कैबिनेट बिल्डिंग जैसे प्रशासनिक ढाँचे पर हमला और रूस की तेल पाइपलाइन पर जवाबी वार से साफ़ है कि अब युद्ध केवल सीमा क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहा।

दोनों देशों का आंतरिक दबाव

रूस घरेलू राजनीति और राष्ट्रीय गौरव के कारण पीछे हटना नहीं चाहता।

यूक्रेन अपनी आज़ादी और पश्चिमी समर्थन के भरोसे पीछे हटने को तैयार नहीं।

अंतरराष्ट्रीय राजनीति
पश्चिमी देश (अमेरिका, यूरोप) यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं, जबकि चीन और कुछ अन्य देश रूस के साथ खड़े हैं। यह "प्रत्यक्ष युद्ध" नहीं पर "प्रॉक्सी वॉर" जैसा स्वरूप ले चुका है।

क्या शांति संभव है?

निकट भविष्य में: हालात देखते हुए, जल्दी शांति की उम्मीद कम है। दोनों पक्षों के लिए "समझौता करना" राजनीतिक और रणनीतिक रूप से नुकसानदेह दिखता है।

लंबी अवधि में: अगर युद्ध आर्थिक, मानव और राजनीतिक रूप से दोनों को बहुत महँगा पड़ने लगे, तब बातचीत की गुंजाइश बढ़ सकती है।

मध्यस्थता: किसी बड़े देश या संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थान की सक्रिय मध्यस्थता के बिना स्थायी शांति कठिन लगती है।

Russia's War in Ukraine and the Prospects for Peace
रूस–यूक्रेन युद्ध को अब लगभग चार साल हो गए हैं और हाल की घटनाओं से यह साफ़ है कि दोनों पक्ष अभी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं।

👉 निष्कर्ष: अभी के हालात में शांति तुरंत संभव नहीं दिखती, लेकिन इतिहास बताता है कि कोई भी युद्ध अंतहीन नहीं होता। सवाल सिर्फ़ इतना है कि किस कीमत पर और किस समझौते के बाद यह रुकेगा।


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

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