बांसवाड़ा माही बांध में पानी की आवक तेज, 4 गेट खोले गए, 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया
- bypari rathore
- 21 August, 2025
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बांसवाड़ा: माही बांध में पानी की आवक तेज, 4 गेट खोले गए, 23 हजार क्यूसेक पानी की निकासी
बांसवाड़ा, 21 अगस्त। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले स्थित माही बाजाज सागर बांध में लगातार बारिश और कैचमेंट एरिया से बढ़ी हुई जल आवक के चलते प्रशासन ने बांध के 4 गेट खोल दिए हैं। इन गेटों से प्रति सेकेंड लगभग 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बांध में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा था, ऐसे में दबाव कम करने और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पानी की निकासी की गई।
प्रभावित क्षेत्र सतर्क
गेट खोलने के बाद निचले इलाकों और नदी किनारे बसे गांवों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे नदी किनारे न जाएं और सतर्कता बरतें।
माही बांध का महत्व
राजस्थान का यह सबसे बड़ा मल्टीपर्पज बांध है, जो न केवल सिंचाई और पीने के पानी की आपूर्ति करता है, बल्कि बिजली उत्पादन में भी सहायक है। मानसून के सीजन में यहां से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है।
अधिकारियों की अपील
जल संसाधन विभाग ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। यदि पानी की आवक और बढ़ती है तो अतिरिक्त गेट भी खोले जा सकते हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।बांसवाड़ा: माही बांध में पानी की आवक तेज, 4 गेट खोले गए, 23 हजार क्यूसेक पानी की निकासी
बांसवाड़ा, 21 अगस्त। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले स्थित माही बाजाज सागर बांध में लगातार बारिश और कैचमेंट एरिया से बढ़ी हुई जल आवक के चलते प्रशासन ने बांध के 4 गेट खोल दिए हैं। इन गेटों से प्रति सेकेंड लगभग 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बांध में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा था, ऐसे में दबाव कम करने और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पानी की निकासी की गई।
प्रभावित क्षेत्र सतर्क
गेट खोलने के बाद निचले इलाकों और नदी किनारे बसे गांवों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे नदी किनारे न जाएं और सतर्कता बरतें।

माही बांध का महत्व
राजस्थान का यह सबसे बड़ा मल्टीपर्पज बांध है, जो न केवल सिंचाई और पीने के पानी की आपूर्ति करता है, बल्कि बिजली उत्पादन में भी सहायक है। मानसून के सीजन में यहां से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है।
अधिकारियों की अपील
जल संसाधन विभाग ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। यदि पानी की आवक और बढ़ती है तो अतिरिक्त गेट भी खोले जा सकते हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
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"इको-फ्रेंडली इनोवेश...
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