कैलाश हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ ने बताए दिल के लिए सबसे खतरनाक खानपान संकेत: “अचार, पापड़ और ज्यादा नमक दिल को चुपचाप नुकसान पहुँचा रहे हैं”
- byAman Prajapat
- 15 December, 2025
दिल कोई मशीन नहीं है कि बस चालू कर दी और भूल गए। ये तो घर का वो बुज़ुर्ग है जो बिना शोर किए सब सहता रहता है, जब तक एक दिन जवाब न दे दे। कैलाश हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ की हालिया सलाह इसी सच्चाई पर रोशनी डालती है। उन्होंने साफ-साफ कहा है—हम रोज़ जो खाते हैं, वही धीरे-धीरे हमारे दिल की किस्मत लिखता है।
आज की भागदौड़ वाली ज़िंदगी में हम जिम की मेंबरशिप ले लेते हैं, स्मार्टवॉच पहन लेते हैं, लेकिन प्लेट में क्या जा रहा है, इस पर आँख मूँद लेते हैं। और यहीं से शुरू होती है कहानी—अचार, पापड़, ज्यादा नमक, और वो सारे छोटे-छोटे स्वाद जिनका बिल दिल चुकाता है।
अचार: स्वाद का राजा, दिल का दुश्मन
भारतीय रसोई में अचार का अपना रुतबा है। दाल-चावल हों या पराठा, बिना अचार सब सूना लगता है। लेकिन डॉक्टर की मानें तो अचार में मौजूद अत्यधिक नमक और तेल दिल के लिए धीमा ज़हर है। रोज़ाना अचार खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। हाई ब्लड प्रेशर वही चुपके से आने वाली बीमारी है जो बिना बताए हार्ट अटैक का रास्ता खोल देती है।
पापड़: हल्का दिखता है, भारी नुकसान करता है
पापड़ को लोग हल्का स्नैक मानते हैं। “बस एक-दो ही तो हैं” — यही सोच सबसे खतरनाक है। पापड़ में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ऊपर से अगर तला हुआ पापड़ हो, तो उसमें ट्रांस फैट का खतरा भी जुड़ जाता है। कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि रोज़ पापड़ खाने की आदत दिल की धमनियों को सख्त बना सकती है।
ज्यादा नमक: सफेद दिखता है, असर काला
नमक जरूरत है, लेकिन हद में। आज का औसत भारतीय जरूरत से कहीं ज्यादा नमक खा रहा है—अचार, पापड़, चटनी, पैकेट वाले स्नैक्स, सब मिलाकर। ज्यादा नमक शरीर में पानी रोकता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यही मेहनत एक दिन थकान में बदल जाती है।
प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड
डॉक्टर ने साफ कहा—जो चीज़ महीनों खराब न हो, वो शरीर के लिए अच्छी नहीं हो सकती। पैकेज्ड चिप्स, इंस्टेंट नूडल्स, रेडी-टू-ईट फूड में सोडियम और खराब फैट भरा होता है। ये चीज़ें धीरे-धीरे कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती हैं और दिल की नलियों को जाम करती हैं।

देसी खाना बनाम दिखावटी डाइट
कार्डियोलॉजिस्ट ने एक अहम बात कही—हमारे दादा-दादी का खाना आज भी सबसे बैलेंस्ड था। सादा दाल, रोटी, सब्ज़ी, छाछ—ना कोई ट्रेंड, ना कोई हैशटैग। आज हम विदेशी डाइट के चक्कर में अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं, जबकि समाधान वहीं था।
दिल की देखभाल कोई ट्रेंड नहीं, जिम्मेदारी है
दिल की सेहत कोई इंस्टाग्राम रील नहीं कि आज वायरल, कल गायब। ये रोज़ की आदतों का खेल है। डॉक्टर की सलाह सीधी है—
अचार और पापड़ को स्वाद की चीज़ मानिए, रोज़मर्रा का हिस्सा नहीं
नमक कम करें, ज़ुबान को धीरे-धीरे आदत डालें
ताज़ा, घर का बना खाना खाएँ
सब्ज़ी, फल और फाइबर को दोस्त बनाएँ
पानी खूब पिएँ और शरीर की सुनें
सच कड़वा है, पर जरूरी है
दिल की बीमारी रातों-रात नहीं आती। ये हर दिन की प्लेट से बनती है। आज अगर हमने स्वाद को प्राथमिकता दी, तो कल अस्पताल की फाइलें हमें प्राथमिकता देंगी। कैलाश हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ की चेतावनी को हल्के में लेना अपने ही दिल से बेईमानी है।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
देखिए सुष्मिता सेन...
Related Post
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.








