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भारत में बढ़ता ई-वेस्ट संकट: जिम्मेदार रिसाइकलिंग और EPR की भूमिका

भारत में बढ़ता ई-वेस्ट संकट: जिम्मेदार रिसाइकलिंग और EPR की भूमिका

भारत में इलेक्ट्रॉनिक कचरा यानी ई-वेस्ट एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या बन चुका है। हर साल लाखों मोबाइल, लैपटॉप, टीवी जैसे उपकरण उपयोग के बाहर हो जाते हैं, जिन्हें ठीक से रिसाइकल न किया जाए तो इनमें मौजूद जहरीले तत्व जैसे लेड और मरकरी पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-वेस्ट उत्पादक देश है, लेकिन यहां रिसाइकलिंग की व्यवस्था अब भी सीमित है।

Global E-Waste Crisis And India's Role - Sanskriti IAS
भारत में बढ़ता ई-वेस्ट संकट: जिम्मेदार रिसाइकलिंग और EPR की भूमिका

 इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने EPR (Extended Producer Responsibility) नियम लागू किए हैं, जिनके तहत कंपनियों को अपने बेचे गए उत्पादों को वापस लेकर रिसाइकल करना अनिवार्य किया गया है। साथ ही आम जनता को भी चाहिए कि वे पुराने उपकरणों को अधिकृत रिसाइकलिंग सेंटर तक पहुँचाएं और पर्यावरण की रक्षा में अपना योगदान दें।


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