गुफा में रहने वाली रूसी महिला नीना कुटिना का खुलासा, बोलीं - “मैं आध्यात्मिक नहीं हूं”, बच्चों को जंगल में भूखा नहीं रखा
- bypari rathore
- 31 July, 2025

मैं आध्यात्मिक नहीं हूं” – गुफा में रहने वाली रूसी महिला नीना कुटिना का बड़ा खुलासा, बोलीं- ‘बच्चों को जंगल में भूखा नहीं रखा, मीडिया ने गलत दिखाया’
खबर:
नई दिल्ली/बेंगलुरु। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के कुमटा तालुक की रामतीर्थ पहाड़ियों में स्थित गोकर्ण की एक गुफा से पिछले दिनों मिली रूसी महिला नीना कुटिना उर्फ मोही को लेकर एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 40 वर्षीय नीना और उनकी दो बेटियों की गुफा में जिंदगी की कहानी ने न सिर्फ प्रशासन को बल्कि आम लोगों को भी हैरान कर दिया है।
8 साल से भारत में रह रही थी नीना
मिली जानकारी के मुताबिक, नीना पिछले करीब 8 साल से भारत में रह रही थीं। वे पहले गोवा में कुछ समय बिता चुकी थीं और फिर गोकर्ण के जंगलों में आकर बस गईं। बताया जा रहा है कि उनका वीजा खत्म हो चुका था। इसके बावजूद उन्होंने गोकर्ण के घने जंगलों की एक गुफा को अपना घर बना लिया।
“मैं आध्यात्मिक नहीं हूं”
मीडिया से बातचीत में नीना ने खुद को “अध्यात्मिक साधिका” मानने की चर्चाओं को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा,
“मैं आध्यात्मिक नहीं हूं। लोगों को लगता है कि मैं कोई साध्वी या योगिनी हूं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। मैं बस प्रकृति के करीब रहना चाहती थी। जंगल में रहना मेरे लिए और मेरी बेटियों के लिए अच्छा अनुभव था।”
नीना ने कहा कि जंगल की जिंदगी को लोग गलत तरीके से देख रहे हैं। उन्होंने कहा,
“हम वहां स्वाभाविक रूप से रह रहे थे। भूखे नहीं मर रहे थे। मेरी बेटियां स्वस्थ और खुश थीं। जो भी सुना जा रहा है, वह सच नहीं है।”
“मीडिया सब गलत दिखा रहा है”
नीना ने मीडिया पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनके बारे में गलत खबरें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा,
“मीडिया दिखा रहा है कि मेरी बेटियों को कोई खाना नहीं मिल रहा था, वे बीमार थीं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। हम वहां अच्छा खाना खाते थे। झरनों के नीचे नहाते थे। गुफा में सोने के लिए अच्छी जगह थी। हमने आर्ट और पेंटिंग की। मिट्टी के घर बनाए। मेरी बेटियों ने कभी भूख महसूस नहीं की। उनके पास अच्छे कपड़े थे और वे पढ़ाई भी कर रही थीं।”
नीना का कहना है कि जंगल में रहते हुए उनकी बेटियों ने कभी कोई बीमारी महसूस नहीं की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने रेस्क्यू के बाद सबसे पहले उनकी बेटियों को हॉस्पिटल में चेकअप के लिए भेजा, जहां डॉक्टरों ने उनकी सेहत को पूरी तरह सामान्य बताया।
“बच्चियां पूरी तरह स्वस्थ हैं”
नीना ने कहा,
“मेरी बेटियों को पुलिस हॉस्पिटल लेकर गई। उनका चेकअप हुआ। वे बिल्कुल स्वस्थ हैं। अपनी जिंदगी में कभी बीमार नहीं हुईं। मैं अपनी बेटियों को भूखा मारने के लिए जंगल में नहीं लाई थी। वे वहां खुश थीं।”
प्रशासन और पुलिस सतर्क

मामला सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस सतर्क हो गई है। विदेशी महिला का वीजा खत्म होने की जानकारी के बाद कानूनी प्रक्रियाएं भी शुरू की जा रही हैं। फिलहाल नीना और उनकी बेटियों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। पुलिस और प्रशासन यह भी पता लगाने में जुटा है कि इतने लंबे समय तक नीना भारत में बिना वैध दस्तावेजों के कैसे रह रही थीं।
गोकर्ण जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों में इस तरह की घटनाएं अक्सर स्थानीय लोगों और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन जाती हैं। फिलहाल नीना और उनकी बेटियों को लेकर जांच जारी है और आगे की कार्रवाई पर सबकी नजर बनी हुई है।
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