GEDA ने गुजरात में सोलर वेस्ट रीसाइक्लिंग के लिए टेंडर जारी किए, ई-कचरे से निपटने की बड़ी पहल
- bypari rathore
- 01 August, 2025

GEDA ने गुजरात में बढ़ते ई-कचरे से निपटने के लिए सोलर वेस्ट रीसाइक्लिंग के लिए टेंडर आमंत्रित किए
2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के लक्ष्य के बीच, भारत सोलर वेस्ट संकट से जूझ रहा है
गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी (GEDA) ने राज्य में सौर कचरे (solar waste) के पुनर्चक्रण (recycling) के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। यह पहल एक मानकीकृत प्रोटोकॉल (standardized protocol) स्थापित करने की योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी भूमिका निभा रहे गुजरात में बढ़ते सोलर कचरे को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से प्रबंधित करना है।
इस परियोजना के तहत विभिन्न अनुसंधान संगठन सौर पैनलों और इलेक्ट्रॉनिक कचरे से निकाले जा सकने वाले कीमती धातुओं (जैसे सिलिकॉन, तांबा, चांदी, एल्युमीनियम और दुर्लभ धातुएं) का अध्ययन करेंगे।
गुजरात भारत का प्रमुख सोलर पैनल निर्माता राज्य है और यहाँ कई बड़े सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट भी स्थित हैं।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) के अक्षय ऊर्जा विभाग के कार्यक्रम प्रबंधक बिनीत दास ने GEDA की इस पहल की सराहना करते हुए इसे समयानुकूल और जरूरी कदम बताया।
“GEDA का मुख्य उद्देश्य एक मजबूत और इको-फ्रेंडली रीसाइक्लिंग फ्रेमवर्क बनाना है जो भारत के तेज़ी से बढ़ते सौर ऊर्जा क्षेत्र में उत्पन्न हो रहे सौर कचरे को कारगर ढंग से निपटाए,” – बिनीत दास
उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस पहल के साथ सख्त नियम, उद्योग की भागीदारी और आवश्यक आधारभूत संरचना नहीं जोड़ी गई, तो इसका प्रभाव सीमित रह सकता है।
📌 प्रमुख बिंदु:
टेंडर में उन कंपनियों को आमंत्रित किया गया है जो तकनीकी और वित्तीय रूप से सक्षम हैं और जो फिजिबिलिटी रिपोर्ट एवं रीसर्च स्टडी प्रस्तुत कर सकें।
अध्ययन में क्रिस्टलीन सिलिकॉन, CdTe, CIGS और TOPCon सेल तकनीकों पर ध्यान दिया जाएगा, जो विशेष प्रोसेसिंग की मांग करती हैं।
बड़े पैमाने पर सैंपलिंग कर कचरे से पुनर्प्राप्ति की तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा।
इस पर आधारित एक डिटेल रिसर्च पेपर तैयार होगा जिसमें कारगर रीसाइक्लिंग तकनीक, आर्थिक व्यवहार्यता और नीति सुझाव शामिल होंगे।

⚠️ पृष्ठभूमि में बढ़ता संकट:
भारत की 66.7 GW की इंस्टॉल्ड सौर क्षमता (FY 2023) ने करीब 100 किलोटन सोलर वेस्ट उत्पन्न किया।
यह कचरा 2030 तक 340 किलोटन और 2050 तक 32 गुना तक बढ़ सकता है – CEEW की 2024 रिपोर्ट।
बिनीत दास ने सुझाव दिया कि परियोजना की सफलता के लिए ऊर्जा मंत्रालय, नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय आवश्यक है।
उन्होंने गुजरात सरकार से अनुरोध किया कि वह सर्कुलर इकोनॉमी (circular economy) के सिद्धांतों को अपनी नवीकरणीय नीतियों में सम्मिलित करे, ताकि रीसाइक्लिंग उसकी ऊर्जा संक्रमण यात्रा की कमजोर कड़ी न बने।
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"इको-फ्रेंडली इनोवेश...
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