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बिलकुल सही बात है — बार-बार चक्कर आना यानी लगातार या दोहराए जाने वाले चक्कर अक्सर वर्टिगो (Vertigo) का संकेत हो सकते हैं। ये एक सामान्य समस्या लग सकती है, लेकिन जब यह क्रॉनिक (दीर्घकालिक) हो जाए, तो व्यक्ति का पूरा जीवन प्रभावित कर देती है।
🔍 क्या है वर्टिगो?
वर्टिगो एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को लगता है कि उसका सिर या आसपास की चीजें घूम रही हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं हो रहा होता। यह असंतुलन या दिशाभ्रम जैसा महसूस होता है।
🧠 क्रॉनिक वर्टिगो से जूझ रहे लोग किन मुश्किलों का सामना करते हैं?
नौकरी और कार्यक्षमता पर असर: रोज़मर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है, जैसे चलना, पढ़ना या स्क्रीन पर काम करना।
मानसिक तनाव और एंग्जायटी: लगातार चक्कर और गिरने का डर मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
सामाजिक जीवन सीमित हो जाता है: बाहर निकलने, सफर करने और दोस्तों से मिलने में डर लगता है।
नींद और आराम में परेशानी: कई बार चक्कर नींद को भी बाधित करते हैं।
⚠️ वर्टिगो के लक्षण:
अचानक चक्कर आना
मतली या उल्टी
संतुलन खोना
सिर भारी या घूमता हुआ महसूस होना
आंखों की गति असामान्य होना (Nystagmus)
कभी-कभी सुनने में कमी या कान में आवाज़ें (Tinnitus)
🛡️ बचाव कैसे करें?
तेज़ी से उठने-बैठने से बचें
तनाव से दूर रहें
भरपूर नींद लें और पानी पिएं
संतुलन बढ़ाने वाले व्यायाम करें (जैसे वेस्टिबुलर थेरेपी)
डॉक्टर के निर्देश अनुसार दवाएं लें
सिर की पोजीशन बदलने वाली एक्सरसाइज़ (Epley Maneuver) करें
अगर आपके या किसी जानने वाले के साथ ये लक्षण लगातार हो रहे हैं, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। ENT स्पेशलिस्ट या न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेना जरूरी है।

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40 के बाद शर्ट से बा...
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