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बैंगलुरु की गैस्ट्रोएन्ट्रोलॉजिस्ट ने बताया — दिवाली पार्टियों में Bloating से बचने के ये 5 चालाक उपाय

बैंगलुरु की गैस्ट्रोएन्ट्रोलॉजिस्ट ने बताया — दिवाली पार्टियों में Bloating से बचने के ये 5 चालाक उपाय

दिवाली — उजाले, मिठाइयाँ, गाजर का हलवा, पकौड़े, चावल की महक, और दोस्तों-रिश्तेदारों की भीड़। ये त्योहार सिर्फ रोशनियों का नहीं, स्वादों और दिल खोलकर खाने का अवसर है। पर अक्सर त्योहारों के बाद हम पाते हैं – पेट भारी, फूला हुआ और बेचैन।

ऐसा क्यों होता है? क्योंकि त्योहारों में हमारी आदतें बदल जाती हैं — ज़्यादा तला हुआ, ज़्यादा मिठाई, देर रात खाना, और कम चलना। यदि हम थोड़ी सूझबूझ के साथ आगे बढ़ें, तो त्योहारों की खुशी पेट-दर्द या बेचैनी से छिन सकती है।

बैंगलुरु की गैस्ट्रोएन्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. आदिती राव मित्तल, नारायणा हेल्थ सिटी में एसोसिएट कंसल्टेंट (मेडिकल गैस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी), HT लाइफस्टाइल से बात करते हुए यह कहती हैं कि दिवाली की महफिलों में खाओ — लेकिन स्मार्ट तरीके से। नीचे वे 5 मुख्य टिप्स साझा करती हैं, और हम उन्हें विस्तार से समझेंगे।

5 टिप्स — और उनकी व्याख्या

1. भोजन से 30 मिनट पहले पानी — सादा या हल्का infuse (पुदीना / जीरा) लेना
डॉ. मित्तल कहती हैं कि खाली पेट हाइड्रेशन (पानी पीना) पाचन को सक्रिय करता है, चयापचय (metabolism) को समर्थन देता है और भूख को नियंत्रित करता है, जिससे आप ज़रूरत से ज़्यादा न खाएं। 

विस्तार / क्यों यह काम करता है:

जब पेट में हल्का पानी हो, तो खाना सीधे भारी भार नहीं डालता।

पाचन रसों का स्राव बेहतर होता है।

यदि आप नींबू या सिरका जैसी अधिक अम्लीय चीज़ें जोड़ते हैं, तो संवेदनशील लोगों में एसिडिटी हो सकती है — इसलिए डॉ. मित्तल सलाह देती हैं — “अगर आप एसिडिटी प्रवृत्त हैं, तो नींबू न डालें।” 

पुदीना या जीरा (एक–दो पत्ते या चुटकी जीरा) हल्के रूप से पानी में डालने से पाचन सहायता हो सकती है।

सावधानियाँ / टिप्स:

बहुत ठंडा पानी (ठंडा शीतल पानी) न लें — यह पाचन को धीमा कर सकता है।

यदि आपकी किडनी या हृदय संबंधी समस्या हो, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें।

पानी में बहुत अधिक स्वाद या चीनी न मिलाएँ — वह उल्टा असर कर सकती है।

2. “आज न खाऊँ, रात में पार्टी में भर-भर के खाऊँ” — यह योजना छोड़ें
बहुत से लोग सोचते हैं — दिन में थोड़ा-बहुत खाना छोड़ लूँ, ताकि शाम को ज़्यादा खा सकूँ। लेकिन डॉ. मित्तल इसे गलत बताती हैं। 

क्यों यह खतरनाक हो सकता है:

भूख-हार्मोन (ग्रहक हार्मोन जैसे घ्रेलिन) बढ़ जाते हैं, जिससे अत्यधिक खाने का मन करता है।

जब पेट बेहद खाली हो, तो सबसे “भारी” और “दलदली” व्यंजन खाने का मन करेगा — जो पाचन को और मुश्किल बनाता है।

रक्त शर्करा (blood sugar) में अस्थिरता हो सकती है — अचानक खट्टे, मीठे, तले हुए खाद्य पर प्रवृत्ति बढ़ जाती है।

वैकल्पिक उपाय:

दिनभर छोटे, संतुलित भोजन लें: फल, सब्जियाँ, दही, दलिया, मूंग दाल आदि।

प्रोटीन और फाइबर रखें — यह लंबे समय तक पेट भरा महसूस कराता है।

शाम की पार्टी से पहले हल्का भोजन कर लें — यह अधिक संतुलन बनाएगा।

3. दिवाली पार्टी में सभी व्यंजन न आज़माएँ — जो पसंद हैं, वही चुनें, ध्यान से खाएँ
जब आप पार्टी हॉल में पहुँचते हैं, वहाँ खाने की विविधता बेतहाशा होती है — नमकीन, मीठा, चाट, मिठाई, चावल, सब्जियाँ, मांस, इत्यादि। डॉ. मित्तल कहती हैं — “एक नजर से टेबल को पढ़ो, और वही चुनो जो तुमे वास्तव में आनंद देगा, न कि हर चीज़ चखने की ललक में।” 

कैसे करें यह व्यवहार:

पहले पूरा प्लेट तैयार न करें — धीरे-धीरे चुनें।

दो–तीन पसंदीदा व्यंजन ही लें — जिससे आप स्वाद ले सकें पर अत्यधिक बोझ न हो।

हरे सलाद, फल, हल्का दही या रॉयता शामिल करें — पाचन के लिए ये सहायक हों।

खाने के बीच में चम्मच / कांटा नीचे रखकर थोड़ी देरी करें — आपके दिमाग को “पूरा” संकेत मिल सके।

भोजन को रात की नींद से कम से कम 2–3 घंटे पहले खत्म करें — ताकि पाचन प्रक्रिया सामान्य ढंग से हो सके।

पुनश्च:
यह टिप सिर्फ “कम खाओ” कहने जैसा नहीं है, बल्कि “स्मार्ट खाओ” — जिससे आप आनंद और आराम दोनों पाएं।

4. तले हुए पदार्थों और मिठाई को एक साथ न मिलाएँ
दिवाली के व्यंजनों में एक ओर नमकीन तले हुए व्यंजन होंगे — समोसा, कचौड़ी, चकली, नमकीन मिश्रण — और दूसरी ओर मीठे व्यंजन — लड्डू, जलेबी, बर्फी आदि। पर डॉ. मित्तल कहती हैं — इन दोनों को एक ही समय में मिलाने से पाचन और अधिक धीमा हो सकता है और ब्लोटिंग बढ़ सकती है। 

विस्तार / विज्ञान:

तले हुए व्यंजन भारी होते हैं — अधिक तेल, उच्च वसा — जिससे पाचन को और काम करना पड़े।

मिठाई शर्कराओं और सरल कार्बोहाइड्रेट से भरी होती है — जब वसा और शर्करा एक साथ हों, पाचन रसों पर दबाव बढ़ जाता है।

यह संयोजन गैस, भारीपन, अधूरा पाचन और पेट फुलने का जोखिम बढ़ा सकती है।

कैसे संयोजन को बेहतर करें:

यदि आप तले हुए व्यंजन खा रहे हैं, तो मिठाई बाद में हल्की मात्रा में लें।

मिठाई के साथ बिना तली चीज़, जैसे दही, ड्राइ फ्रूट, फल आदि लें — जिससे शर्करा अवशोषण थोड़ा धीमा हो।

तले व्यंजन के साथ सलाद या पचने योग्य ककड़ी, खीरा आदि लें — पाचन सहायक फाइबर और एन्जाइम प्रदान करते हैं।

यदि संभव हो, तले व्यंजन को सीमित मात्रा में लें — और अधिक मॉडरेशन रखें।

5. भोजन के बाद हल्की सैर — 10–15 मिनट की घूम-घाम
पार्टी खत्म होने के बाद तुरंत सोने के बजाय, डॉ. मित्तल सलाह देती हैं कि थोड़ी हल्की सैर करें, यानि 10–15 मिनट चलना — चाहे घर के पास या छत-गली में। यह पाचन को सक्रिय करती है, गैस और भारीपन को कम करती है।

विस्तार / लाभ:

हल्की शारीरिक गतिविधि आंतों की गतिशीलता (intestinal motility) को बढ़ाती है — जिससे भोजन बेहतर पच जाता है।

गैस को बाहर निकालने में मदद करती है — जिससे फूलेपन की भावना कम होती है।

यदि पार्टी बहुत देर तक हो और बहुत अधिक खाया गया हो, तो यह “स्टेप मापने” जैसा एक सहज उपाय हो सकती है।

इसके अलावा, तनाव और जकड़न को कम कर मन को शांत करने में भी सहायक हो सकती है।

सुझाव:

दौड़-भाग वाली एक्सरसाइज जरूरी नहीं — सिर्फ मृदुल गति से चलना (walking) पर्याप्त है।

रात को बहुत देर तक न चलें — क्योंकि थकान या ठंड अधिक आ सकती है।

यदि मौसम या स्थिति अनुकूल न हो, तो घर के कमरे या छत पर धीरे घूमना ही काफी है।

Bengaluru gastroentrologist reveals 5 tips to eat at diwali parties without  feeling bloated | Health

अतिरिक्त सुझाव और वैज्ञानिक आधार

जब आप ऊपर बताए गए 5 टिप्स अपनाएँगे, तो इन्हें और अधिक असरदार बनाने वाले ये पूरक सुझाव भी आपके लिए उपयोगी होंगे:

धीरे और ठीक से चबाएँ — जितनी देर आप भोजन चबाएँगे, उतना ही कम हवा निगलेेंगे, और पाचन आसान होगा। कई गैस्ट्रो विशेषज्ञों ने यह सुझाव दिया है कि कम से कम 20 मिनट का समय भोजन पर देना चाहिए। 

कार्बोनेटेड पेय, सोडा, फिजी ड्रिंक्स से बचें — इनमें गैस होती है जो पेट में अधिक अतिरिक्त गैस बनाती है। 

आर्टिफिशियल स्वीटनर्स और शर्करा-आधारित मिठाइयाँ सीमित करें — ये आंत्र में ब्रूमेंटेशन (fermentation) की प्रक्रिया को बढ़ा सकती हैं। 

फाइबर को धीरे-धीरे बढ़ाएँ — अचानक बहुत अधिक फाइबर लेने से गैस बनने का खतरा हो सकता है। 

पुदीना (peppermint) या हरा चाय (ginger / mint tea) — भोजन के बाद हल्की चाय पिने से आंतों को आराम मिलता है। 

तनाव प्रबंधन — अधिक तनाव होने पर पाचन धीमा हो सकता है। गहरी साँस लेना, धीमी गति से बातचीत, संगीत आदि मदद कर सकते हैं।

पर्याप्त नींद लें — नींद कम हो तो हार्मोन असंतुलन हो सकता है, जिससे भूख हार्मोन प्रभावित होते हैं।

पानी पर्याप्त मात्रा में लें (दिनभर) — केवल खाने से पहले पानी ही नहीं, पूरी रात संतुलित मात्रा में। 

चेतावनियाँ और किन मामलों में डॉक्टर से मिलें

ये टिप्स सामान्य स्वस्थ व्यक्तियों के लिए हैं। यदि आप निम्न में से किसी समस्या से जूझते हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें:

लगातार पेट फुलना, दर्द, वजन घटना

खून या काला मल

लंबे समय से कब्ज या दस्त

भूख लगभग नगण्य होना

एसिड रिफ्लक्स, अल्सर या गैस्ट्रिक समस्या पहले से हो

ये संकेत हो सकते हैं कि आपके पाचन तंत्र में कोई गंभीर समस्या है — जिसे घरेलू सुझावों से हल करना संभव न हो।

निष्कर्ष

तो सुनिए — इस दिवाली, अपनी रातों को बदले न, बल्कि अपनी समझदारी को बदलें। इन 5 सुगम लेकिन असरदार टिप्स के साथ — पानी पहले लेना, दिनभर संतुलित भोजन करना, चिह्नित चयन करना, तली चीज़ें और मिठाई अलग रखना, और भोजन के बाद हल्की सैर — आप स्वाद भी ले सकते हैं और पेट के बोझ से भी बच सकते हैं।

त्योहार सिर्फ खाने का नहीं, मिलन-सम्मिलन, खुशियों और उल्लास का है। जब आप जिम्मेदारी से और समझदारी से खाएं, तब ही उत्सव पूरी तरह सफल होगा — मन, मिज़ाज और शरीर — तीनों की खुशी होगी।


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