अभिनेता Aditya Pancholi ने Tezaab से हटाए जाने का खुलासा, इशारा Anil Kapoor–Boney Kapoor पक्ष की ओर
- byAman Prajapat
- 28 October, 2025
पुरानी है बॉलीवुड की वो कहानी, जहाँ कैमरा चलने से पहले, किरदार बन जाने से पहले भी, ‘क्या हो सकता था’ की धुंध में कई सपने धुंधले होते हैं। आज हम उसी किस्से की धड़कन सुन रहे हैं, जिसमें अभिनेता Aditya Pancholi ने खुद खुलासा किया है कि वे Tezaab (1988) में मुख्य भूमिका के लिए थिए — किन्तु कुछ ऐसा हुआ जिसने उन्हें उस मौके से दूर कर दिया।
Aditya Pancholi ने अपने सोशल-मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा:
“I was the original choice for Tezaab (1988), opposite @MadhuriDixit. Director N. Chandra, still very much around, can confirm this. Unfortunately, an actor, through his elder brother (who remains active in the industry), influenced the director to replace me. The rest, as they say, is history.”
उन्होंने आगे लिखा कि:
“Recently, I saw an actor speak about nepotism while promoting his new release. Let me say this clearly: politics in the film industry runs deeper than nepotism. Favouritism, manipulation, and power games shape careers more than family ties ever could.”
यह बयान आते ही चर्चा छिड़ गई कि यह मुस्कारा–इशारा किस ओर है। क्यों? क्योंकि Tezaab की मुख्य भूमिका में अंततः Anil Kapoor नजर आए और फिल्म की सफलता ने उन्हें और Madhuri Dixit को सुपरस्टार बना दिया।
और उल्लेखनीय है कि फिल्म निर्माता के पैनल में या कास्टिंग के पीछे उस दौर में फिल्म-घरानों का दखल-अंदाज़ आम बात थी।
Aditya Pancholi का कहना है कि उन्होंने उस वक्त ‘Munna’ नामक किरदार के लिए चुने जाने के बाद अचानक बदलाव का सामना किया — इसलिए भी कि शायद उस अभिनेता के बड़े भाई (जिसका फिल्म-उद्योग में प्रभाव था) ने निर्देशक पर दबाव डाला।
वे नाम नहीं ले रहे, लेकिन श्रोताओं एवं नेट-जन को पता चल गया कि संकेत Anil-Boney कपूर परिवार की ओर है।
यह खुलासा दो-तीन मायनों में महत्वपूर्ण है:
वो क्या हुआ होता: किसी भूमिका के ऑफर से, शूटिंग से पहले हट जाना — यह अभिनेता के करियर में बड़ा झटका हो सकता है। Pancholi ने बताया कि “I was the original choice…” जैसे शब्दों में उस खोए अवसर की पीड़ा झलकती है।
बॉलीवुड की राजनीति: उन्होंने सिर्फ नेपोटिज्म का मुद्दा नहीं उठाया, बल्कि कहा कि राजनीति (favouritism, manipulation, power games) नेपोटिज्म से भी गहरी है। यह पुरानी बात है — कभी-कभी ‘कनेक्शन’ और ‘दबाव’ ने फिल्म की तकदीर तय की है।

सफल फिल्म का इतिहास: Tezaab ने सिनेमाघरों में बड़ी कामयाबी पाई — यह 1988 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी और Anil-Madhuri की जोड़ी को लोकप्रिय बना दी।
इस फिल्म का इतिहास यह बताता है कि कैसे एक भूमिका बदलने से और एक अभिनेता बदलने से किस्मतें बदली-बदलीं।
Aditya Pancholi की इस पोस्ट के बाद सोशल-मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ आईं — कुछ ने समर्थन किया कि हां, बॉलीवुड में ऐसे दबाव और बदलाव होते रहे हैं। कुछ ने कहा कि चर्चा में नाम ले लिए गए लोगों ने भी अपने-अपने संघर्ष किए हैं। फिर भी, उनकी पोस्ट ने फिर से याद दिला दिया कि ‘हुआ क्या होगा अगर…’ का सवाल शोहरत-संसार में हमेशा मौजूद है।
यह पूरा मामला हमें यह सिखाता है — किसी भी कलाकार के पीछे सिर्फ ‘टैलेंट’ नहीं, कई बार ‘टाइमिंग’, ‘किनारा’, ‘संबंध’, ‘समय’ और ‘दबाव’ काम करते हैं। चाहे अब हम कहें “इतिहास बदलता रहना था” या “वो मौका मेरे हिस्से था” — लेकिन जो हुआ, वो हुआ।
अतः, इस खुलासे ने एक पुरानी फिल्म-मिलाप को फिर से ट्रेंड में ला दिया, और उन अनकहे मोड़ों को उजागर किया जो अक्सर पर्दे के पीछे होते रहे हैं। यदि आप चाहें, तो हम इस पूरे विवाद का समय-रेखा, पुरानी रिपोर्ट्स, दोनों पक्षों के बयान, और उस दौर की कास्टिंग चर्चाओं सहित ‘पार्ट 2’ भी तैयार कर सकते हैं।
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