अगर AIMIM को छह सीट लड़ने की अनुमति मिली तो इंडिया ब्लॉक में शामिल होंगे: असदुद्दीन ओवैसी
- byAman Prajapat
- 24 September, 2025

किशनगंज की धूप में, जहां हवा राजनीतिक संकेत लेकर बहती है, वहाँ ओवैसी ने एक ठोस प्रस्ताव रखा: “अगर AIMIM को छह सीट लड़ने को मिले, तो हम INDIA ब्लॉक में शामिल होंगे।"
यह प्रस्ताव सहज नहीं था। पिछले चुनावों की यादें, उन आरोपों की आवाजें जो कहते हैं कि AIMIM भाजपा की मदद कर रहा है — ये सब ढाँचे के बीच खड़े थे। लेकिन ओवैसी ने इसे एक परीक्षा बना दिया — एक संकेत कि गठबंधन सिर्फ नाम का नहीं, सम्मान का भी होना चाहिए।
पृष्ठभूमि: बिहार, सीमांचल और AIMIM की जमीं
पिछली विधानसभा चुनावों में AIMIM ने लगभग 20 सीटों पर मुकाबला किया, और 5 सीटें जीतीं — सभी सीमांचल क्षेत्र से।
सीमांचल (किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया वगैरह) जनसंख्या संरचना से AIMIM के लिए महत्वपूर्ण है, और यह क्षेत्र प्रमुख दलों द्वारा भी लड़ा जाता है।
मगर उस चुनाव के बाद, अधिकांश AIMIM विधायक (बशर्ते अख्तरुल ईमान को छोड़कर) RJD में चले गए। यह अतीत अब उनकी मांग के सामने छाया बनकर खड़ा है।
ओवैसी की दलीलें (और बयानों की चाल)
ओवैसी ने कहा कि अब गेंद INDIA ब्लॉक के पाले में है — यदि उन्हें छह सीटें नहीं दी गईं, तो वही बतलाएगा कि असल में कौन भाजपा की मदद कर रहा है।
उन्होंने उन दावों का पलटवार किया कि INDIA ब्लॉक के साथी “हैदराबाद सीट” की मांग कर रहे हैं — उन्होंने कहा: “वे अपने क्षेत्र में लड़ें; हम अपनी मांग कर रहे हैं।”
जब पूछा गया कि गठबंधन की बातचीत मुख्य रूप से RJD के साथ क्यों है — ओवैसी ने कहा कि RJD बिहार में INDIA ब्लॉक का नेतृत्व करता है, इसलिए उनसे शुरुआत होनी चाहिए।
उन्होंने संवैधानिक कॉन्टेक्स्ट में भी बात की — यूपी में “I love Muhammad” पोस्टर से जुड़े FIRs पर हमला, धार्मिक स्वतंत्रताओं (धारा 25) का रक्षक होने का दावा — यह दिखाने के लिए कि यह सिर्फ चुनावी रणनीति नहीं, सिद्धांतों का सवाल भी है।
तनाव, जोखिम और राजनीति का खेल
अभी तक INDIA ब्लॉक (खास रूप से RJD) की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।
RJD इस बात से गहरा चिंित हो सकता है कि यदि AIMIM को सीमांचल में जगह दी गई, तो वह अन्य मुस्लिम-बहुल इलाकों (जैसे दरभंगा, मधुबनी) में भी समान मांग कर सकती है।
उन्हें यह भी डर है कि BJP इस स्थिति को “हिंदू बनाम मुस्लिम” के स्वरूप में पेश कर सकती है अगर AIMIM शामिल हो गया।
अगर INDIA ब्लॉक शांत रहा और AIMIM ने अकेले मैदान मार लिया, तो कुछ महत्वपूर्ण सीटों में सेकुलर वोट बंट सकते हैं — इससे BJP/NDA को फायदा हो सकता है। ओवैसी इस जोखिम से अनजान नहीं लगता; वह दबाव की रणनीति पर भरोसा कर रहा है।
सीमांचल न्याय यात्रा: ज़रूरत, रणनीति व महत्व
यह दिखाने के लिए कि वे सिर्फ दबी-बुझी बातें नहीं हैं, ओवैसी ने “Seemanchal Nyay Yatra” (24-27 सितंबर 2025) शुरू की।
वह सार्वजनिक सभाएँ, रोड शो, नुक्कड़ कार्यक्रम आयोजित करेंगे — neglected इलाकों में AIMIM को एक ग्राउंड लेवल विकल्प के रूप में स्थापित करने की कोशिश।
यह यात्रा प्रतीक मात्र नहीं है — यह शक्ति, उपस्थिति और वैध दावे का प्रदर्शन है, बिहार की राजनीति के रणक्षेत्र पर खुद को दर्ज कराने की जद्दोजहद।

आगे क्या हो सकता है — संभावित परिदृश्य
INDIA ब्लॉक छः सीटों को मान ले → AIMIM गठबंधन में शामिल हो जाए; सीट बाँट और राजनीतिक पोजीशनिंग हो सकती है।
INDIA ब्लॉक मना कर दे या टाल दे → AIMIM अकेले ही इन सीटों पर चुनाव लड़ सकती है; वोट बंटाव जरूर हो सकता है।
आंशिक स्वीकृति / शर्तों पर समझौता → कम सीटें, अग्रगामी शर्तें; AIMIM और आगे की मांगों की रणनीति बना सकती है।
तीसरी मोर्चा या क्षेत्रीय गठबंधन → यदि INDIA ब्लॉक ठुकरा दे, तो AIMIM क्षेत्रीय दलों के साथ हाथ मिलाने की कोशिश कर सकती है, विशेषकर सीमांचल में।
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