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TTP का बड़ा वार: पाकिस्तान की कमजोर नस पर हमला, CPEC पर चीन भी परेशान

TTP का बड़ा वार: पाकिस्तान की कमजोर नस पर हमला, CPEC पर चीन भी परेशान

TTP का नया निशाना: पाकिस्तान की सबसे कमजोर नस पर वार, CPEC पर मंडराया खतरा

इस्लामाबाद/बीजिंग। पाकिस्तान में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने अपनी रणनीति बदल दी है और अब उसने हमलों का फोकस सीधे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर कर दिया है। इस नए टारगेट से पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल रही है और चीन भी चिंता में पड़ गया है।

असीम मुनीर की बड़ी चुनौती

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर लगातार यह दावा कर रहे थे कि सेना आतंकियों पर पूरी तरह काबू पा चुकी है। लेकिन TTP ने हालिया हमलों से यह साबित कर दिया कि पाकिस्तान की "सबसे कमजोर नस" अब भी असुरक्षित है।

CPEC पर खतरा क्यों?

CPEC चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का अहम हिस्सा है।

अरबों डॉलर की परियोजनाओं में सड़क, रेल, ऊर्जा और औद्योगिक ढांचे का निर्माण शामिल है।

TTP ने हालिया धमाकों और हमलों में चीनी इंजीनियरों और प्रोजेक्ट्स को भी टारगेट किया है।

इससे चीन की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि उसका निवेश और नागरिक सीधे निशाने पर आ गए हैं।

चीन की चिंता

बीजिंग पहले ही CPEC में बढ़ते हमलों को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बना रहा था। अब TTP की नई रणनीति ने चीन की भी सांसें फुला दी हैं। चीनी कंपनियां और इंजीनियर सुरक्षा की गारंटी मांग रहे हैं।

TTP ने पाकिस्तान के उस कमजोर नस पर किया हमला, चीन तक महसुस हुआ दर्द, सेना  बुलाने को मजबूर हुए मुनिर

पाकिस्तान की मुश्किलें

सुरक्षा खर्च और राजनीतिक अस्थिरता ने पहले ही पाकिस्तान को संकट में डाल रखा है।

अब TTP के इन हमलों से अंतरराष्ट्रीय निवेश और भी प्रभावित हो सकता है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा असर पड़ना तय है।


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