Follow Us:

Stay updated with the latest news, stories, and insights that matter — fast, accurate, and unbiased. Powered by facts, driven by you.

पैदा होते ही कूड़े में फेंका गया, आंखों की रोशनी भी नहीं रही – अब बनीं राजस्व विभाग में अफसर

पैदा होते ही कूड़े में फेंका गया, आंखों की रोशनी भी नहीं रही – अब बनीं राजस्व विभाग में अफसर

पूरी खबर:

"किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है जो कभी हार नहीं मानते।"
यह पंक्ति सटीक बैठती है माला पापलकर पर—एक ऐसी महिला जिनका जीवन शुरुआत से ही संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने उसे ही अपनी ताकत बना लिया।

👶 कूड़ेदान से जीवन की शुरुआत

करीब 25 साल पहले, एक नवजात बच्ची को जलगांव रेलवे स्टेशन के कूड़ेदान में फेंक दिया गया। वो बच्ची और कोई नहीं, आज की राजस्व सहायक माला पापलकर थीं। पुलिस ने उन्हें रेस्क्यू किया और बाल कल्याण समिति के आदेश पर उन्हें अमरावती के एक अनाथालय भेजा गया।

🙏 ममता और परवरिश

समाजसेवी शंकर बाबा पापलकर ने माला को गोद लिया, उन्हें नाम दिया और उनके पालन-पोषण का जिम्मा उठाया। माला जन्म से दृष्टिहीन थीं, लेकिन उन्होंने अपनी इस कमजोरी को कभी अपनी राह की रुकावट नहीं बनने दिया।

📘 पढ़ाई और सफलता

ब्रेल लिपि के माध्यम से माला ने पढ़ाई की। उन्होंने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC) की परीक्षा पास की और आज नागपुर कलेक्टरेट में राजस्व सहायक पद पर कार्यरत हैं।

🌟 माला की कहानी क्यों है खास?

सामाजिक बहिष्कार के बावजूद उन्होंने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की

दृष्टिहीन होते हुए भी सरकारी सेवा में स्थान पाया

आज लाखों युवाओं के लिए बन चुकी हैं प्रेरणा

📣 एक संदेश:

अगर माला अपने जीवन की सबसे कठिन शुरुआत के बावजूद यहां तक पहुंच सकती हैं, तो आप क्यों नहीं?

📢 इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि कोई और हिम्मत न हारने की ताक़त पा सके।

दृष्टिहीन होते हुए भी सरकारी सेवा में स्थान पाया

Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

Share: