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पाहलगाम आतंकी हमला 2025: धर्म पूछकर मारी गोली, 28 की मौत

पाहलगाम आतंकी हमला 2025: धर्म पूछकर मारी गोली, 28 की मौत

पाहलगाम में आतंकवादी हमला: धर्म पूछकर गोली मारी – 22 अप्रैल 2025

22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरान घाटी में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए। यह हमला क्षेत्र में हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुआ सबसे घातक हमला माना जा रहा है।

हमले का विवरण:

आतंकवादी, जो संभवतः 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) से जुड़े थे, ने दोपहर लगभग 2:30 बजे बैसरान घाटी में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। हमले के समय घाटी में पर्यटक खाने-पीने, घोड़ा सवारी और पिकनिक मना रहे थे। आतंकवादियों ने पहले पुलिसकर्मी के रूप में पहचान बनाई और फिर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। गवाहों के अनुसार, हमलावरों ने पीड़ितों से उनका नाम पूछा और फिर धर्म की पहचान के लिए उन्हें कलमा पढ़ने को कहा। जो लोग कलमा नहीं पढ़ सके या जिनके शरीर पर मुस्लिम पहचान के निशान नहीं थे, उन्हें गोली मार दी गई। कुछ महिलाओं को छोड़ दिया गया, ताकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमले की कहानी सुना सकें।

घायलों की स्थिति और प्रतिक्रिया:

घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल कुछ व्यक्तियों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से श्रीनगर के सैन्य अस्पताल भेजा गया। सुरक्षा बलों ने हमलावरों की तलाश के लिए अभियान शुरू किया है।​

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अपनी सऊदी अरब यात्रा को छोटा कर भारत लौटने का निर्णय लिया। गृह मंत्री अमित शाह ने भी हमले की निंदा की और सुरक्षा बलों को निर्देश दिया कि वे हमलावरों को शीघ्र पकड़ें। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की।

हमलावरों की पहचान और उद्देश्य:

हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक उपगठित समूह है। TRF ने इस हमले को कश्मीर घाटी में बाहरी लोगों की बढ़ती संख्या और कथित जनसांख्यिकीय बदलावों के विरोध में अंजाम दिया। TRF का कहना है कि यह हमला कश्मीर की मुस्लिम पहचान की रक्षा के लिए किया गया।

निष्कर्ष:

यह हमला कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा नागरिकों को निशाना बनाने की एक नई दिशा को दर्शाता है। धर्म के आधार पर पहचान करके हमला करना न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरे की घंटी है। भारत सरकार ने इस हमले के दोषियों को पकड़ने और कड़ी सजा दिलाने का संकल्प लिया है।

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