ऑपरेशन सिंदूर: बलूचिस्तान की बगावत के पीछे पाकिस्तान की 'गधा इकोनॉमी' और चीनी दखल
- bypari rathore
- 31 July, 2025

ऑपरेशन सिंदूर:ऑपरेशन सिंदूर: बलूचिस्तान में यूं ही नहीं हो रही बगावत! पाकिस्तान की 'गधा इकोनॉमी' भी है जिम्मेदार
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में लगातार बढ़ते विद्रोह का कारण केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक अन्याय भी है। बलूच लोगों की नाराजगी केवल पाकिस्तान सरकार से ही नहीं, बल्कि चीन से भी है। इसका सबसे बड़ा कारण है ग्वादर पोर्ट, जिसे विकसित करने का ठेका पाकिस्तान ने चीन को दे दिया है, लेकिन इससे बलूच जनता को कोई फायदा नहीं मिला।
बलूचिस्तान, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और लगभग 44% भूभाग को कवर करता है, प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद भीषण गरीबी से जूझ रहा है। पाकिस्तान इन संसाधनों का उपयोग बलूच जनता पर खर्च करने के बजाय अपने बाकी हिस्सों के लिए करता है।
'गधा इकोनॉमी' का मतलब है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान जैसे इलाकों से श्रमिकों और संसाधनों को निचोड़कर, बगैर विकास किए, उन्हें केवल एक साधन के रूप में इस्तेमाल करता है — ठीक उसी तरह जैसे काम लेने के बाद गधे को छोड़ दिया जाता है।
इसी आर्थिक और सामाजिक शोषण के चलते बलूचिस्तान के लोग अब हथियार उठा चुके हैं और कई गुट खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर चुके हैं। वे अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगा रहे हैं। की 'गधा इकोनॉमी' भी है जिम्मेदार
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में लगातार बढ़ते विद्रोह का कारण केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक अन्याय भी है। बलूच लोगों की नाराजगी केवल पाकिस्तान सरकार से ही नहीं, बल्कि चीन से भी है। इसका सबसे बड़ा कारण है ग्वादर पोर्ट, जिसे विकसित करने का ठेका पाकिस्तान ने चीन को दे दिया है, लेकिन इससे बलूच जनता को कोई फायदा नहीं मिला।
बलूचिस्तान, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और लगभग 44% भूभाग को कवर करता है, प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद भीषण गरीबी से जूझ रहा है। पाकिस्तान इन संसाधनों का उपयोग बलूच जनता पर खर्च करने के बजाय अपने बाकी हिस्सों के लिए करता है।
'गधा इकोनॉमी' का मतलब है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान जैसे इलाकों से श्रमिकों और संसाधनों को निचोड़कर, बगैर विकास किए, उन्हें केवल एक साधन के रूप में इस्तेमाल करता है — ठीक उसी तरह जैसे काम लेने के बाद गधे को छोड़ दिया जाता है।
इसी आर्थिक और सामाजिक शोषण के चलते बलूचिस्तान के लोग अब हथियार उठा चुके हैं और कई गुट खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर चुके हैं। वे अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
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