ओडिशा के नुआपड़ा उपचुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और बीजेडी ने उतारे दिग्गज, मुकाबला हुआ रोचक
- byAman Prajapat
- 18 October, 2025
ओडिशा के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित नुआपड़ा विधानसभा सीट पर आगामी उपचुनाव ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह उपचुनाव बीजू जनता दल (BJD) के विधायक स्व. राजेंद्र ढोलकिया के निधन के कारण हो रहा है। इस सीट पर होने वाले चुनाव को लेकर तीन प्रमुख दलों – भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) और बीजू जनता दल (BJD) – ने अपने-अपने दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए मैदान में उतारा है, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो गया है।
बीजेपी का दांव: जय ढोलकिया
भारतीय जनता पार्टी ने इस उपचुनाव में स्व. राजेंद्र ढोलकिया के पुत्र जय ढोलकिया को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। जय ढोलकिया ने हाल ही में बीजेडी छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था। उनका चुनावी मैदान में आना पार्टी के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि वे स्थानीय जनता के बीच एक परिचित चेहरा हैं और उनके पिता की राजनीतिक विरासत का लाभ उठा सकते हैं।
बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति को और मजबूत करने के लिए छत्तीसगढ़ के नौ नेताओं को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है। इन नेताओं की नुआपड़ा में उपस्थिति से पार्टी को पश्चिमी ओडिशा में अपनी पकड़ मजबूत करने की उम्मीद है।
कांग्रेस का पलटवार: घासीराम मांझी
कांग्रेस ने इस उपचुनाव में घासीराम मांझी को अपना प्रत्याशी बनाया है। वे एक अनुभवी आदिवासी नेता हैं और इस क्षेत्र में उनकी अच्छी पहचान है। कांग्रेस ने अपनी चुनावी मुहिम को धार देने के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें राजस्थान के सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल जैसे नेताओं का नाम शामिल है। इन नेताओं की नुआपड़ा में सक्रियता से कांग्रेस को आदिवासी मतदाताओं के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने की उम्मीद है।
बीजेडी की चुप्पी: स्नेहांजिनी छुरिया की उम्मीदवारी
बीजू जनता दल ने अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, पूर्व मंत्री स्नेहांजिनी छुरिया को पार्टी की ओर से टिकट मिल सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह बीजेडी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, क्योंकि छुरिया का इस क्षेत्र में अच्छा जनाधार है और वे पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतर सकती हैं।

चुनावी समीकरण और भविष्यवाणी
नुआपड़ा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुकाबला त्रिकोणीय होगा, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और बीजेडी की टक्कर होगी। बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए उतारकर चुनावी माहौल को गरमा दिया है। वहीं, बीजेडी की ओर से प्रत्याशी की घोषणा न होने से चुनावी समीकरण में असमंजस बना हुआ है।
इस उपचुनाव के परिणाम राज्य की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। यदि बीजेपी जीतती है, तो यह पार्टी की पश्चिमी ओडिशा में बढ़ती हुई पकड़ को दर्शाएगा। कांग्रेस की जीत से पार्टी की पुनः सक्रियता और बीजेडी के खिलाफ विपक्षी एकता की संभावना बढ़ेगी। वहीं, बीजेडी की जीत से पार्टी की स्थिति मजबूत होगी और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की नेतृत्व क्षमता की पुष्टि होगी।
अंततः, नुआपड़ा उपचुनाव न केवल ओडिशा की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा भी तय कर सकता है। मतदाता इस चुनाव में अपनी पसंद के माध्यम से यह संकेत देंगे कि वे किस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
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