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"कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप: 'मुझे छोड़ दो' कहती रही छात्रा, दरिंदों ने नहीं बख्शा"

"कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप: 'मुझे छोड़ दो' कहती रही छात्रा, दरिंदों ने नहीं बख्शा"

🧭 घटना का सारांश:

पीड़िता: 24 वर्षीय महिला लॉ छात्रा, जो 25 जून दोपहर कॉलेज आई थी, परीक्षा फार्म भरने के लिए।

मुख्य आरोपी: 31 वर्षीय मनोजीत मिश्रा, जो कॉलेज का पूर्व छात्र था और तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) का जिला महासचिव था

सह-आरोपी: दो वर्तमान छात्र – 19 वर्षीय जैब अहमद और 20 वर्षीय प्रमित मुखर्जी 

स्थान: कॉलेज कैंपस का एक सुनसान कमरे (सिक्योरिटी गार्ड रूम) 

कोलकाता में एक और गैंगरेप, लॉ कॉलेज की छात्रा को हैवानों ने बनाया शिकार,  तीन गिरफ्तार - India TV Hindi
"कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप: 'मुझे छोड़ दो' कहती रही छात्रा, दरिंदों ने नहीं बख्शा"

🕒 घटनाक्रम:

शाम 7:30 से 10:50 बजे तक पीड़िता पर हमला किया गया 

आरोपियों ने कॉलेज का मुख्य गेट बंद करवाया, गार्ड को निष्क्रिय रखा और पीड़िता से कहा कि वह ‘कोलैबोरेट’ करे 

जब उसने विरोध किया, तो घबराहट का दौरा पड़ा और वह फर्श पर गिर गई, पैरों में गिरकर भी भीख मांगी “मुझे जाने दो” लेकिन आरोपियों ने नहीं माना

😱 निरंतर अत्याचार:

पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसे हॉकी स्टिक से मारा, कपड़े हटाए और यौन संबंध जबरन बनाए

घटना का वीडियो बनाया गया और धमकी दी गई कि वीडियो वायरल कर देंगे यदि उसने विरोध किया 

📋 एफआईआर और सबूत:

FIR में कथित यौन संबंध जबरन, ब्लैकमेल, साथ ही POSCO, गैंगरेप और आपराधिक साजिश की धाराएँ शामिल की गईं 

फोरेंसिक टीम ने कॉलेज कैंपस में सबूत संकलित किए, मोबाइल फोन जब्त किए, और मेडिकल जांच भी की गई है

👮‍♂️ गिरफ्तारी और वर्तमान स्थिति:

तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया; उन्हें 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया 

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने 27 जून को कोलकाता पुलिस आयुक्त से 3 दिनों में रिपोर्ट मांगी 

⚖️ सामाजिक-राजनीतिक प्रभाव:

राज्य में महिला सुरक्षा पर बहस छिड़ी; TMCP के नेता होने के कारण इस घटना ने राजनीतिक उबाल ला दिया

छात्र संगठनों, विपक्षी दलों और नागरिकों ने तेज़ी से कार्रवाई की माँग की।

🧠 पीड़िता का मनोवैज्ञानिक दबाव:

उसने कहा कि उसके पास ADHD जैसी स्थिति है और आरोपियों ने इसका फायदा उठाया 

उत्पीड़न के दौरान गार्ड भी असहाय रहा और मदद नहीं की।

🔍 निष्कर्ष:

यह एक सुनियोजित, निर्मम और दम घुटाए जाने वाली गतिविधि थी, जिसमें पीड़िता ने हर संभव तरह से उनका विरोध किया—पैर छुकर भीख मांगी, रोई—लेकिन आरोपियों ने क्रूरता नहीं छोड़ी। अब आरोपी हिरासत में हैं, जांच जारी है और न्याय की गुंजाइश बनी हुई है।


Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.

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