जयपुर: गोविंद देवजी मंदिर में जन्माष्टमी का भव्य आयोजन, लाखों श्रद्धालु होंगे शामिल
- bySheetal
- 16 August, 2025

छोटी काशी में गूंजेगा कृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास, गोविंद देवजी मंदिर में पहुंचेगा भक्तों का सैलाब
जयपुर, 16 अगस्त 2025:
जयपुर की जन्माष्टमी इस बार एक अद्भुत दृश्य लेकर आने वाली है। छोटी काशी कहलाने वाले इस शहर का केंद्र गोविंद देवजी मंदिर होगा, जहां लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने पहुंचेंगे। अनुमान है कि मंदिर में करीब 10 लाख से अधिक भक्तों की भीड़ उमड़ेगी।

आस्था से जुड़ी मान्यता
पौराणिक मान्यता के अनुसार, जयपुर के गोपीनाथ जी का वक्षस्थल और बाहु, गोविंद देवजी का मुखमंडल और नयन तथा करौली के मदन मोहन जी के चरण मिलकर भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात स्वरूप बनाते हैं। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त एक ही दिन में इन तीनों विग्रहों के दर्शन कर ले, तो उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। यही वजह है कि जन्माष्टमी पर गोविंद देवजी मंदिर भक्तों का सबसे बड़ा केंद्र बन जाता है।
सुरक्षा और व्यवस्थाएं
मंदिर प्रशासन और जिला पुलिस ने सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष इंतज़ाम किए हैं।
दर्शन के लिए पासधारक, नंगे पांव भक्त, जूते-चप्पल पहने भक्त और जगमोहन – इन चार श्रेणियों के लिए अलग-अलग लाइनें बनाई गई हैं।
जलेब चौक से मंदिर तक भक्तों की लंबी कतारें लगेंगी।
सुरक्षा के लिए 1000 से अधिक स्वयंसेवक और इतने ही पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
10 मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरे और कंट्रोल रूम से निगरानी रखी जाएगी।
जगह-जगह एलईडी स्क्रीन और शेड की व्यवस्था भी की गई है।
मंदिर की विशेष सजावट
मंदिर को पारंपरिक "बधाई है" और सातिया की पताकाओं से सजाया गया है। मुख्य द्वार पर शहनाई की धुन श्रद्धालुओं का स्वागत करेगी। ठाकुर जी को पीली रेशमी पोशाक पहनाई जाएगी, जिस पर महीनों की मेहनत से गोटा-पत्ती का काम किया गया है।
जन्माष्टमी उत्सव के मुख्य आकर्षण
16 अगस्त की सुबह 4:30 बजे मंगला झांकी से दर्शन शुरू होंगे।
रात्रि 12 बजे जन्म के समय 31 तोपों की सलामी और आतिशबाजी होगी।
पंचामृत अभिषेक में 425 लीटर दूध, 365 लीटर दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा और 11 किलो शहद का उपयोग होगा।
प्रसाद में पंजीरी लड्डू और कुल्हड़ में रबड़ी अर्पित की जाएगी।
17 अगस्त को नंदोत्सव मनाया जाएगा, जिसमें ठाकुर जी को केसरिया पोशाक और पुष्प शृंगार से सजाया जाएगा। परंपरा के अनुसार कपड़े, खिलौने और फल भक्तों में उछाले जाएंगे।
अन्य मंदिरों में भी होगी रौनक
गोविंद देवजी के अलावा गोपीनाथ जी, राधा दामोदर जी, ब्रजनिधि, आनंद कृष्ण बिहारी और श्री राधा माधवजी सहित कई मंदिरों में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में कर्नाटक से आए फूलों से शृंगार होगा और गुप्त वृंदावन धाम मंदिर में अर्द्धरात्रि महाआरती के साथ उत्सव मनाया जाएगा।
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