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जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी का रहस्य: क्यों नहीं रखते यहां कोई भक्त अपना पैर?

जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी का रहस्य: क्यों नहीं रखते यहां कोई भक्त अपना पैर?

ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर विश्वभर में अपनी आस्था, परंपराओं और रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के मुख्य द्वार पर मौजूद 22 सीढ़ियों (बैसी पहाचा) में से तीसरी सीढ़ी को विशेष रूप से “यमशिला” कहा जाता है। मान्यता है कि इस सीढ़ी पर प्रवेश करते समय पैर रखना शुभ होता है, जिससे व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं, लेकिन यदि दर्शन के बाद लौटते समय कोई इस पर पैर रखता है, तो उसके सारे पुण्य समाप्त हो जाते हैं और उसे यमलोक जाना पड़ता है। इसीलिए, हर भक्त इस सीढ़ी को आदरपूर्वक पार करता है, लेकिन पैर नहीं रखता।

जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर क्यों नहीं रखते हैं पैर, जानिए क्या है रहस्य  | why do we not step on the third step of the jagannath temple | Navbharat  Live
जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी का रहस्य: क्यों नहीं रखते यहां कोई भक्त अपना पैर?

 पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज ने स्वयं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की थी कि उन्हें एक स्थान दिया जाए, जिससे पाप-पुण्य का संतुलन बना रहे। इस पर भगवान ने तीसरी सीढ़ी पर यमराज को स्थान प्रदान किया। यही कारण है कि इसे विशेष रूप से काले रंग से चिह्नित किया गया है ताकि श्रद्धालु इसे पहचान सकें और सम्मानपूर्वक पार कर सकें। यह परंपरा न केवल एक धार्मिक चेतावनी है, बल्कि आत्मनिरीक्षण, अनुशासन और श्रद्धा का प्रतीक भी है।


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