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अक्टूबर में निजी क्षेत्र की गतिविधि पांच महीने के निचले स्तर पर, PMI दर्शाता है

अक्टूबर में निजी क्षेत्र की गतिविधि पांच महीने के निचले स्तर पर, PMI दर्शाता है

अक्टूबर 2025 में भारत के निजी क्षेत्र की गतिविधि में गिरावट दर्ज की गई। HSBC द्वारा जारी फ्लैश इंडिया कंपोजिट PMI के अनुसार, composite index 59.9 पर पहुँच गया, जो पिछले पांच महीनों में सबसे कम था।

सेवा क्षेत्र की गतिविधि में भी मंदी देखने को मिली। सेवा PMI 60.9 से घटकर 58.8 हो गया। नए ऑर्डर की संख्या कम हुई और ग्राहकों की मांग में धीमी वृद्धि हुई।

विनिर्माण क्षेत्र ने थोड़ी राहत दी। विनिर्माण PMI बढ़कर 58.4 पर पहुँच गया। घरेलू मांग और कुछ क्षेत्रों में नई परियोजनाओं ने उत्पादन बढ़ाने में मदद की।

निर्यात के मोर्चे पर स्थिति चिंताजनक रही। अमेरिकी बाजार में मांग में कमी और यूरोप में अनिश्चितता ने निर्यात को प्रभावित किया। कंपनियों ने लागत बढ़ने के बावजूद उत्पादन जारी रखा।

इनपुट लागत में वृद्धि धीमी हुई, लेकिन कंपनियों ने परिचालन लागत को पूरा करने के लिए बिक्री मूल्य बढ़ाए।

नौकरी सृजन दर भी कम रही। कई कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि नहीं की क्योंकि मौजूदा क्षमता पर्याप्त थी।

व्यापारियों और निवेशकों की भावना सतर्क रही। आने वाले महीनों में आर्थिक अनिश्चितता और प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है।

India's private sector growth slows to 5-month low in October

Sector-wise analysis:

सेवा क्षेत्र: यात्रा, हॉस्पिटैलिटी और वित्तीय सेवाओं में धीमी वृद्धि।

विनिर्माण: ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स में हल्की बढ़त।

कृषि आधारित उद्योग: मौसम और निर्यात दबाव के कारण स्थिर प्रदर्शन।

Impact on inflation:

इनपुट लागत में हल्का दबाव।

उत्पादों की कीमतें स्थिर या थोड़ा बढ़ीं।

मुद्रास्फीति में अस्थायी स्थिरता दिखी।

Market sentiment:

निवेशक सतर्क।

निवेश में धीमी गति, विशेषकर निर्यात और सेवा क्षेत्रों में।

भविष्य में सुधार के लिए विनिर्माण क्षेत्र और घरेलू मांग महत्वपूर्ण।

Conclusion:
अक्टूबर में निजी क्षेत्र की गतिविधि में गिरावट ने संकेत दिया कि सेवा क्षेत्र और निर्यात में चुनौतीपूर्ण माहौल बना हुआ है। हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र और कुछ घरेलू मांग संकेत देते हैं कि आर्थिक सुधार की संभावना बनी हुई है।


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