“मेरी नहीं तो किसी की नहीं…”: एकतरफा प्यार की ज़िद ने छीनी ज़िंदगी, मोहब्बत के नाम पर दहला देने वाला अपराध
- byAman Prajapat
- 15 December, 2025
1. जब मोहब्बत ज़िद बन जाए
प्यार सदियों से गीतों, कविताओं और कहानियों में बसता आया है। पुराने ज़माने में भी इश्क़ था—ख़ामोश, सब्र वाला, इज़्ज़त से भरा। मगर आज का प्यार कई बार अहंकार और ज़िद की आग में जल जाता है।
“मेरी नहीं तो किसी की नहीं”—ये कोई फ़िल्मी डायलॉग नहीं रहा, ये अब अपराध का बहाना बन चुका है।
2. घटना का दिल दहला देने वाला सच
एकतरफा प्यार में नाकाम युवक ने उस लड़की पर गोली चला दी, जिसे वह पाने की ज़िद में था। लड़की ने साफ़ मना किया था। उसने अपनी ज़िंदगी चुनने का हक़ माँगा था।
लेकिन सामने खड़ा था एक ऐसा दिमाग़, जिसे “ना” सुनना आता ही नहीं था।
3. एकतरफा प्यार या टूटा हुआ अहंकार?
सच बोलें तो ये प्यार नहीं था।
ये कब्ज़ा करने की सोच थी।
ये मालिक बनने की बीमारी थी।
जो इंसान प्यार में हो, वो जाने देता है।
जो गोली चलाए—वो बस खुद को बड़ा समझता है।
4. लड़की की गलती क्या थी?
क्या उसकी गलती ये थी कि उसने मना किया?
क्या उसकी गलती ये थी कि उसने अपनी मर्ज़ी से जीना चाहा?
समाज आज भी सवाल लड़की से पूछता है, जबकि अपराधी की मानसिकता पर चुप्पी साध लेता है।
5. समाज की खामोशी भी गुनाह है
हम हँसकर टाल देते हैं—
“अरे आशिक है, पागल हो गया होगा।”
नहीं।
ये पागलपन नहीं, ये ख़तरनाक सोच है।
और जब तक हम इसे समय रहते नहीं रोकेंगे, तब तक ऐसी खबरें आती रहेंगी।
6. फिल्मों से आई जहरीली सोच
कई फिल्मों ने ये सिखाया—
लड़की मना करे तो पीछा करो।
ना बोले तो और ज़ोर लगाओ।
आख़िर में वो तुम्हारी ही होगी।
असल ज़िंदगी में ये सब जेल की सलाखों तक ले जाता है।
7. कानून क्या कहता है?
भारतीय कानून साफ़ है—
पीछा करना अपराध है
धमकी देना अपराध है
गोली चलाना हत्या या हत्या के प्रयास का मामला है
“प्यार करता था” कोई बचाव नहीं है।
कानून भावनाओं से नहीं, सबूतों से चलता है।
8. परिवारों का टूटना
एक गोली सिर्फ़ एक इंसान को नहीं मारती—
वो एक माँ की उम्मीद तोड़ती है,
एक पिता की मेहनत,
एक परिवार का भविष्य।
और दूसरी तरफ़—अपराधी का परिवार भी ज़िंदगी भर शर्म और पछतावे में जीता है।

9. आज की पीढ़ी को सच सुनना होगा
Gen-Z सीधी बात समझती है, तो सीधी बात ये है—
अगर कोई तुम्हें नहीं चाहता,
तो आगे बढ़ो।
ज़िंदगी बहुत बड़ी है।
किसी की “ना” तुम्हारी बेइज़्ज़ती नहीं, उसकी आज़ादी है।
10. प्यार का मतलब नियंत्रण नहीं
पुराने ज़माने में इश्क़ में इंतज़ार था,
ख़त थे, ख़ामोशी थी, इज़्ज़त थी।
आज इंस्टेंट मैसेज, इंस्टेंट गुस्सा,
और नतीजा—इंस्टेंट अपराध।
11. महिलाओं की सुरक्षा: सिर्फ़ नारा नहीं
हर ऐसी घटना हमें याद दिलाती है—
महिला सुरक्षा सिर्फ़ पोस्टर नहीं,
सोच बदलने का नाम है।
घर से शुरू होकर, स्कूल, कॉलेज, दोस्ती—हर जगह।
12. अंत नहीं, चेतावनी
ये खबर सिर्फ़ एक घटना नहीं,
ये एक चेतावनी है।
अगर आज भी हम “मेरी नहीं तो किसी की नहीं” वाली सोच को रोमांटिक मानते रहे,
तो कल फिर कोई मासूम नाम सुर्ख़ियों में होगा।
✍️ निष्कर्ष
प्यार आज़ादी देता है,
डर नहीं।
इज़्ज़त सिखाता है,
हिंसा नहीं।
जो ये नहीं समझ पाया—
वो आशिक नहीं,
वो अपराधी है।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
राजस्थान में अपराधों...
Related Post
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.




_1763632914.jpg)



