दीवाली 2025: अंधकार पर प्रकाश की विजय और शुभ अवसर का त्यौहार
- bySheetal
- 13 August, 2025

1. दीवाली क्या है?
दीवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख हिन्दू त्यौहार है। यह अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। शब्द "दीपावली" संस्कृत के दो शब्दों “दीप” (दीया) और “आवली” (पंक्ति या श्रृंखला) से बना है, जिसका मतलब होता है दीयों की पंक्ति। इस दिन घरों, मंदिरों और सड़कों पर दीपक और रंग-बिरंगी लाइट्स लगाई जाती हैं।

2. दीवाली कब मनाई जाती है?
दीवाली आष्विन माह के अमावस्या (अंधकार की रात) को मनाई जाती है। यह सामान्यतः अक्टूबर और नवंबर के महीने में आती है। त्यौहार पांच दिनों तक मनाया जाता है।
3. दीवाली के पांच दिन
दीवाली का पर्व कुल पांच दिनों तक चलता है और हर दिन का महत्व अलग है:
प्रथम दिन – वसु बरस / धनतेरस
इस दिन लोग सोना, चाँदी और नए बर्तन खरीदते हैं।
यह धन और समृद्धि का प्रतीक है।
दूसरा दिन – नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली
इस दिन राक्षस नरकासुर का वध और पापों का नाश का स्मरण किया जाता है।
लोग घरों की सफाई करते हैं और दीपक जलाते हैं।
तीसरा दिन – मुख्य दीवाली / लक्ष्मी पूजा
इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा होती है।
धन, समृद्धि और सुख-शांति की कामना की जाती है।
रात को घरों में दीये जलाए जाते हैं और पटाखे फोड़े जाते हैं।
चौथा दिन – गोवर्धन पूजा / अन्नकूट
भगवान कृष्ण को समर्पित यह दिन खास है।
लोग गोवर्धन पर्वत का पूजन करते हैं और अपने पशुओं की पूजा भी करते हैं।
पाँचवाँ दिन – भाई दूज
भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित दिन।
बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है।
4. दीवाली की प्रमुख मान्यताएँ
रामायण के अनुसार: भगवान राम का 14 वर्ष के वनवास के बाद माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने पर अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया।
महाभारत और अन्य कथाएँ: नरकासुर का वध और अंधकार पर प्रकाश की विजय।
5. दीवाली की परंपराएँ
घरों की सफाई और सजावट।
रंगोली बनाना।
दीये और लाइट्स जलाना।
मिठाइयाँ और तोहफे बांटना।
पंचांग और शुभ मुहूर्त में पूजा करना।
पटाखे जलाना (हालांकि आजकल पर्यावरण संरक्षण के लिए इसमें कमी की सलाह दी जाती है)।
6. दीवाली का महत्व
अंधकार और पाप पर प्रकाश और पुण्य की जीत।
घर और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाना।
परिवार और दोस्तों के साथ स्नेह और मेलजोल बढ़ाना।
7. दीवाली की आधुनिक रीतियाँ
इलेक्ट्रॉनिक लाइट्स और LED दीपक सजाना।
ऑनलाइन और डिजिटल माध्यम से तोहफे और शुभकामनाएँ देना।
पर्यावरण मित्र पटाखों का उपयोग या पटाखे न जलाना।
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