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CBSE का परिणाम लगातार बेहतर हुआ, फिर भी राजस्थान बोर्ड से 6 साल से पीछेCBSE का परिणाम लगातार बेहतर हुआ, फिर भी राजस्थान बोर्ड से 6 साल से पीछे

CBSE का परिणाम लगातार बेहतर हुआ, फिर भी राजस्थान बोर्ड से 6 साल से पीछेCBSE का परिणाम लगातार बेहतर हुआ, फिर भी राजस्थान बोर्ड से 6 साल से पीछे

📰 CBSE के परिणाम में लगातार सुधार, लेकिन 6 सालों से राजस्थान बोर्ड से पीछे

📅 14 मई 2025

CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) के परिणाम में हर साल सुधार हो रहा है, लेकिन राजस्थान बोर्ड (RBSE) के मुकाबले अब भी पीछे है। CBSE ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार अपने परिणामों में सुधार किया है और इस बार भी राष्ट्रीय सफलता दर 88% रही। हालांकि, राजस्थान बोर्ड के सफलता दर के मुकाबले CBSE लगातार 6 साल से पीछे बना हुआ है।

🔹 CBSE की लगातार बेहतर होती सफलता दर

हर साल CBSE के परिणाम में सुधार देखने को मिल रहा है। इस बार भी 10वीं और 12वीं के परिणाम ने कई रिकॉर्ड तोड़े। CBSE की सफलता दर 88% रही, जबकि पिछले कुछ सालों में भी यह दर लगातार बढ़ी है।

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🔹 राजस्थान बोर्ड से पीछे क्यों?

राजस्थान बोर्ड (RBSE) ने लगातार पिछले 6 सालों में अपने परिणामों में शानदार सुधार किया है। इस बार राजस्थान बोर्ड का 12वीं पास प्रतिशत 90% के आसपास है, जो CBSE से बेहतर है। इसके साथ ही राजस्थान बोर्ड के छात्रों का प्रदर्शन भी लगातार बेहतर होता जा रहा है, और उन्होंने CBSE बोर्ड को पिछे छोड़ दिया है।

🗣️ शिक्षा विशेषज्ञों की राय

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि CBSE के परिणाम में सुधार तो हो रहा है, लेकिन राजस्थान बोर्ड की स्थानीय परिस्थितियाँ और स्कूलों में नवाचार ने उसे इस सफलता की ओर अग्रसर किया है। इसके अलावा, राजस्थान के छात्रों के लिए उपलब्ध बेहतर शिक्षा संसाधन और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम ने भी उनकी सफलता में योगदान दिया है।

🔹 CBSE vs RBSE: क्या है अंतर?

CBSE बोर्ड का राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रसार है, जबकि राजस्थान बोर्ड एक राज्य-आधारित प्रणाली है।

CBSE में अधिकतर इंटरनेशनल स्कूल्स जुड़े होते हैं, जबकि राजस्थान बोर्ड में अधिकतर राज्य स्तर के सरकारी स्कूल्स होते हैं।

CBSE में अधिक ध्यान सामान्य ज्ञान और वैश्विक संदर्भ पर होता है, जबकि राजस्थान बोर्ड की पढ़ाई में स्थानीय मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया जाता है।

📢 निष्कर्ष:

जहाँ एक ओर CBSE की सफलता दर में सुधार हो रहा है, वहीं राजस्थान बोर्ड ने पिछले कुछ सालों में लगातार बेहतरीन परिणामों के साथ अपनी स्थिति मजबूत की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले सालों में दोनों बोर्ड किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।


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