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35 हजार निजी स्कूलों के 91 लाख छात्रों और 4 लाख शिक्षकों की ऑनलाइन होगी उपस्थिति, शिक्षा विभाग ने कसा शिकंजा

35 हजार निजी स्कूलों के 91 लाख छात्रों और 4 लाख शिक्षकों की ऑनलाइन होगी उपस्थिति, शिक्षा विभाग ने कसा शिकंजा

📢 35 हजार निजी स्कूलों के 91 लाख छात्रों और 4 लाख शिक्षकों की अब ऑनलाइन होगी उपस्थिति, शिक्षा विभाग ने कसा शिकंजा

 25 जुलाई 2025:
शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए शिक्षा विभाग ने राज्य के करीब 35,000 निजी स्कूलों में पढ़ रहे 91 लाख छात्रों और 4 लाख शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति (Digital Attendance System) को अनिवार्य कर दिया है। यह नई व्यवस्था अगले माह से पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी।

🎯 क्या है नई व्यवस्था?

अब सभी निजी स्कूलों को प्रत्येक दिन शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति एक निर्धारित मोबाइल ऐप या वेब पोर्टल पर दर्ज करनी होगी। शिक्षा विभाग इसे रीयल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ रहा है, ताकि गैरहाजिरी, फर्जी हाजिरी और अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सके।

शिक्षा निदेशक का बयान:
"नई प्रणाली से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और अनुशासन बना रहेगा। जो शिक्षक ड्यूटी से गायब रहते हैं, अब उनका रिकॉर्ड स्वतः विभाग को मिल जाएगा।"

🧑‍🏫 शिक्षकों और प्रबंधन पर असर

इस बदलाव के बाद शिक्षक और स्कूल प्रबंधन पर जवाबदेही बढ़ेगी। यदि कोई स्कूल या शिक्षक निर्धारित समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं करता, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई भी की जा सकती है।

👨‍👩‍👧‍👦 छात्रों की हाजिरी भी होगी ऑनलाइन

राजस्थान शिक्षा विभाग 𝕏 (@shikshavibhag1) / X

छात्रों के लिए अब स्कूल आते ही बायोमेट्रिक या QR कोड स्कैनिंग के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की जाएगी। माता-पिता को मोबाइल पर उपस्थिति की जानकारी भेजी जाएगी, जिससे बच्चों की स्कूल में मौजूदगी की निगरानी आसान हो जाएगी।

📊 फायदे:

फर्जी उपस्थिति पर रोक

अनुशासन में सुधार

पारदर्शिता और जवाबदेही

समय पर शैक्षणिक मूल्यांकन

📌 निष्कर्ष:

शिक्षा विभाग का यह निर्णय तकनीक के जरिए शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है। हालांकि निजी स्कूलों में इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं — कुछ इसे सकारात्मक कदम मानते हैं, वहीं कुछ इसे अतिरिक्त दबाव कह रहे हैं। लेकिन छात्रों के हित में यह व्यवस्था लंबी दूरी तक कारगर साबित हो सकती है।


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